Sunday, April 28, 2024

जनता के खून-पसीने की कमाई को लग्जरी कारों और आलीशान बंगला बनाने में उड़ा दिये सोरेन ने: रविशंकर

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नयी दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें आदिवासियों की नहीं, बल्कि लूट की ज्यादा चिंता थी, इसीलिए उन्होंने (श्री सोरेन) सत्ता के नशे में चूर होकर जनता के खून-पसीने की कमाई को लग्जरी कारों और आलीसान बंगला बनाने में उड़ा दिया।

श्री प्रसाद ने यहां स्थित पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री सोरेन के समर्थकों द्वारा विपक्षी नेताओं पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने को लेकर केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने श्री सोरेन के कार्यकाल में झारखंड में हुए घोटालों के बारे में बताते हुए कहा कि श्री सोरेन ने आम जनता की खून पसीने की कमाई लूटकर लग्जरी गाड़ियां खरीदी और आलीशान बंगले बनाए। उन्होंने कहा, “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मौजूदा समय में प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं, लेकिन उनके समर्थक यह झूठा आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार के द्वारा विपक्षी पार्टियों को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है और विशेष रूप से आदिवासी नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार देश के आदिवासी समाज की बहुत चिंता करती है और उनके उत्थान के लिए संकल्पित है। यह मोदी सरकार ही है, जिसने पहली बार आदिवासी समुदाय की नेता द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाया और देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठाया। यह श्री मोदी की दूरदर्शिता को दर्शाता है। इससे पहले दलित समाज से आने वाले देश के वरिष्ठ नेता रामनाथ कोविंद जी को भारत का राष्ट्रपति बनाया था। मोदी सरकार ने बिरसा मुंडा संग्रहालय को स्थापित कर, आदिवासी नेताओं के योगदान को नई पीढ़ी के सामने लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने स्वयं श्री बिरसा मुंडा जी के गांव जाकर, राष्ट्रीय संग्रहालय का उद्घाटन भी किया और आदिवासी समाज के लोगों और नौजवानों के लिए विशेष योजनाएं भी प्रारंभ कीं। केंद्र की मोदी सरकार ने आदवासी समाज की चिंता करने से लिए अलग से आयोग का गठन किया, अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी-एसटी) आयोग को प्राथमिकता दी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।”

श्री प्रसाद ने रेन सरकार में हुए घोटालों के बारे में कहा कि पहले तो श्री सोरेन ने लूट और भ्रष्टाचार किया और जब कारवाई हो रही, है तो कह रहे हैं कि एक आदिवासी को तंग किया जा रहा है। अपने समाज की चिंता करते हुए संघर्ष करना अच्छा है, परंतु झारखंड में ‘चिंता कम और लूट अधिक है।’

उन्होंने बताया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ मुख्यतः तीन मामले हैं, जिनमें पहला – जमीन की लूट, दूसरा – अवैध खनन और तीसरा – कोयला खदान में घोटाला। अभी सिर्फ एक मामले में श्री सोरेन के खिलाफ कार्रवाई हुई है और अन्य दो मामलों में इनके खिलाफ कार्रवाई होना बाकी है। ईडी की जांच में 36 लाख रुपये श्री सोरेन के घर से बरामद हुए हैं। जांच में पता चला है कि आम जनता के खून पसीने की कमाई के साथ घोटाले कर श्री सोरेन ने दिल्ली की पॉश कॉलोनी शांति निकेतन में आलीशान घर बनाया है और इस घर से दो लग्जरी कारें (बीएमडब्यू) भी बरामद हुई हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख सोचते हैं कि बेईमानी के पैसे से कार चलाएंगे और इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होगी।

भाजपा नेता ने श्री सोरेन पर हमला करते हुए कहा कि श्री सोरेन ने सेना की जमीन पर भी घोटाला किया है। रांची के मुराबादी मौजा में 455 डिसबिल जमीन आजादी से पहले से ही सेना के नाम पर थी। जमीन के नकली दस्तावेज बना और फर्जीवाड़ा कर इस जमीन का मालिकाना हक प्रदीप बागची ने हासिल कर लिया और इस जमीन को जगतबंधु टी-एस्टेट को मात्र सात करोड़ रुपए में बेच दिया, जबकि इस जमीन की बाजार कीमत 20.67 करोड़ रुपये थी। इसके बाद ईडी की जांच में सामने आया कि रांची में नकली दस्तावेज बनाकर जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों का एक संगठन संचालित होता है। कई प्रशासनिक अधिकारियों की इस संगठन के साथ सांठ-गांठ थी, जिसमें रांची के पूर्व जिलाधिकारी छवि रंजन, अमित अग्रवाल और विष्णु अग्रवाल भी शामिल थे। इसके अलावा खनन सचिव पूजा सिंघल के घर से 19 करोड़ रुपए बरामद हुए थे। इस संगठन को इन सभी अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था। इन सभी मामलों की जांच चल रही है। आदिवासी समाज से आने वाले हेमंत सोरेन अपनी नाक के नीचे इस तरह के जमीन घोटालों को प्रोत्साहन देते हैं और सेना की जमीन तक पर ये घोटाला करते हैं।

श्री प्रसाद ने कहा कि श्री सोरेन के कार्यकाल में हुए खनन घोटाले की कार्रवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया कि साहिबगंज इलाके में 4,952 अवैध खनन के मामले पिछले तीन वर्षों में दर्ज हुए हैं। इस घोटाले में 23.26 करोड़ घन फुट से ज्यादा भूमि पर अवैध खनन हुआ, जिसकी राशि 1,250 करोड़ रुपये है। इसके अलावा रांची में श्री सोरेन ने 28 डिसबिल सरकारी खनन जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम पर करवा ली। इस पूरे मामले के मुख्य सरगना श्री सोरेन के निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा हैं। श्री प्रसाद ने रांची उच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लेख करते हुए बताया कि रांची उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2022 में ही कह दिया था कि खनन विभाग में कुछ गड़बड़ियां देखने को मिली है। श्री सोरेन आदिवासी की बात करते हैं, मगर उनकी ही जमीन कब्जा करते हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा झारखंड में वामपंथी उग्रवाद प्रतिबंधित है, मगर इन वामपंथियों के माध्यम से रिश्वत ली जाती है। इनकी सरकार में सब घपलेबाज हैं, जिसके कारण घोटाले पर घोटाले हो रहे थे। उन्होंने ने बताया कि भ्रष्टाचार में आपात मस्तक डूबे हुए हैं श्री सोरेन और नाम ले रहे है आदिवासी लोगों का”। देश में जितने लोगों ने घोटाले किए, जैसे दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, समाजवाद सिद्धांत की बात करने वाले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के आरोपी नेताओं को बेल तक नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद वकील रहते हुए चारा घोटाले का खुलासा किया था और इसके खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठाई थी। इसके कारण बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को गिरफ्तार भी किया गया था। भ्रष्टाचारी नेताओं का ऐसा अंजाम देखने के बाद भी विपक्ष सुधरने को राजी नहीं है।

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