नई दिल्ली। भारत के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की कारोबारी गतिविधियों में जून में बढ़त हुई है और इसके साथ ही कर्मचारियों की नियुक्तियां 18 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। एचएसबीसी की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए पीएमआई डेटा से ये जानकारी मिली है। डेटा में बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय बिक्री और नए ऑर्डर बढ़ने के कारण रोजगार में बढ़त देखने को मिली है। जून में सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़त होने के कारण बड़ी कंपनियों की ओर से स्टाफ को पिछले 18 वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ाया गया है।
सर्विस सेक्टर का पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून 2024 में बढ़कर 60.4 हो गया है, जो कि मई 2024 में 60.2 पर था। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पीएमआई जून में बढ़कर 58.5 हो गया है, जोकि पिछले महीने 57.5 पर था। मई में भारत की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां गिरकर तीन महीने के निचले स्तर 57.5 पर पहुंच गई थी। इसकी वजह हीटवेव थी, जिसके कारण वॉल्यूम पर असर हुआ। कड़ी प्रतिद्वंदिता और गर्मी के कारण सर्विस सेक्टर की ग्रोथ मई में गिरकर पांच महीने के निचले स्तर पर आ गई।
एचएसबीसी में वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में बढ़त होने के कारण संयुक्त पीएमआई में जून में बढ़त हुई है। दोनों सेक्टरों में नए ऑर्डर में इजाफा हुआ है। नए निर्यात ऑर्डर में जून में हल्का धीमापन देखने को मिला है। हालांकि, यह इस सीरीज में दूसरी सबसे तेज वृद्धि थी। सर्वे में भाग लेने वाले पैनलिस्ट ने कहा कि जून में इनपुट की लागत में कमी आई है। हालांकि, लेबर और कच्चे माल की लागत अभी भी बढ़ी हुई है। सर्वे में जानकारी मिली है कि मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां उच्च लागत को अपने ग्राहकों तक आसानी से स्थानांतरित कर पा रही हैं।