नयी दिल्ली। सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को देश भर में लागू करने की सोमवार को घोषणा कर दी।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने यहां एक्स पर एक पोस्ट में इस आशय की जानकारी दी। पोस्ट में लिखा गया है, “गृह मंत्रालय आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए-2019) के तहत नियमों को अधिसूचित करेगा। नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे।”
इस अधिनियम के अनुसार तीन देशों -पाकिस्तान, बंगलादेश एवं अफगानिस्तान से आने वाले हिन्दू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध एवं ईसाई छह धर्मों को मानने वाले ऐसे प्रवासियों को अवैध नहीं माना जाएगा जो वैध दस्तावेजों के साथ नहीं आये हैं। उन्हें भारत की नागरिकता का पात्र माना जाएगा और इसी उद्देश्य से भारत के विदेशी नागरिकों के पंजीकरण के प्रावधानों में कुछ बदलाव किये गये हैं। ऐसे लोगों के साथ अवैध प्रवासियों जैसा व्यवहार नहीं जाएगा। इस लाभ को हासिल करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 से छूट दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि 1920 के पासपोर्ट अधिनियम में विदेशियों के पास पासपोर्ट होने का निर्देश दिया गया है जबकि 1946 का विदेशी अधिनियम भारत में विदेशियों के प्रवेश और वापसी को विनियमित करता है।
अधिनियम के अनुसार नागरिकता प्राप्त करने पर ऐसे व्यक्तियों को भारत में उनके प्रवेश की तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा और उनके अवैध प्रवास के संबंध में उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाही बंद कर दी जाएगी।
गृह मंत्रालय ने ये भी कहा है, “पात्र व्यक्ति आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा कर सकेगें जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।”
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 2019 के चुनावी घोषणापत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक लाने की घोषणा की थी।