मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान 21 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अपने घर लौट आए। उनके अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने इस घटना को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने इस हमले की सच्चाई पर संदेह जताते हुए कहा कि यह हमला असली था या सिर्फ एक नाटक।
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नितेश राणे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने सैफ को अस्पताल से निकलते देखा। वह चलते समय नाच रहे थे। मुझे शक है कि उन्हें चाकू मारा गया था या यह सिर्फ एक्टिंग थी।” उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में हर पहलू की जांच होनी चाहिए।
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नितेश राणे ने अपने बयान में सैफ अली खान के घर में बांग्लादेशियों के घुसने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पहले ये लोग चौराहों पर खड़े होते थे, अब घरों में घुसने लगे हैं। शायद वे सैफ को ले जाने आए थे। यह अच्छा है कि कचरा हटा दिया गया।”
नितेश राणे ने एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और जितेंद्र आव्हाड पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता सिर्फ मुस्लिम अभिनेताओं की परवाह करते हैं और कभी भी हिंदू कलाकारों के लिए खड़े नहीं होते। उन्होंने यह भी कहा कि “कुछ हरे सांप ‘जय श्री राम’ बोलने से रोकते थे। अब समय है अपनी पहचान दिखाने का।”
राणे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में वर्तमान सरकार (फडणवीस और शिंदे के नेतृत्व में) हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने दावा किया कि “इस सरकार में हिंदुओं को कोई परेशानी नहीं होगी। अधिकारी उनके साथ खड़े रहेंगे।”
अपने बयान में राणे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में जल्द ही एक भी बूचड़खाना नहीं बचेगा। उन्होंने कहा, “इस सरकार का खून भगवा है, और हमें कॉलर टाइट रखकर काम करना है।”
नितेश राणे के इन विवादित बयानों के बाद सैफ अली खान के हमले की सच्चाई को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कई लोग राणे के बयानों की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ ने उनका समर्थन किया है। सैफ अली खान या उनकी टीम की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।