नई दिल्ली। क्या आप घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित हैं? एक टॉप न्यूरोलॉजिस्ट का कहना है कि ऐसा हाेेने पर फिजिकल एक्टिविटी, जैसे- चलना, दौड़ना या कोई खेल खेलने आदि से बचें। एक्सरसाइज हेल्थ को बेहतर करने के लिए की जाती है, लेकिन यह घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस को और खराब कर सकती है। यह डिजनरेटिव ज्वाॅइंट डिजीज है, इसमें घुटनों में पुराना दर्द और लिमिटेड ज्वाॅइंट मूवमेंट होती है। यह आमतौर पर आर्टिकुलर कार्टिलेज के घिसने, टूटने तथा क्षति की वजह से होता है।
हैदराबाद स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डॉ. सुधीर कुमार ने जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक हालिया स्टडी के हवाले से बताया, “इस समस्या से पीड़ित लोगों को फिजिकल एक्टिविटी, जैसे- चलना, दौड़ना आदि से बचने को कहा है। इसके बजाय, उन्होंने पीड़ित लोगों से साइकिल चलाने या तैराकी जैसी एक्टिविटी में शामिल होने को कहा है। उनका कहना है कि इससे घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस की घटनाओं से कोई संबंध नहीं है।
स्टडी के लिए नीदरलैंड के यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर रॉटरडैम के शोधकर्ताओं ने 5 हजार 3 व्यक्तियों को शामिल किया। इनमें 2 हजार 804 महिलाएं शामिल थीं। इसमें पता चला कि मध्यम या उच्च निचले अंग मांसपेशी द्रव्यमान सूचकांक (एलएमआई) वाले लोगों में वजन वहन करने वाली एक्टिविटी घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़ी नहीं थीं। सुधीर कुमार ने कहा कि जिन लोगों के निचले अंगों की मांसपेशियां कमजोर हैं, उन्हें गैर-वजन वाली फिजिकल एक्टिविटी को प्राथमिकता देनी चाहिए।