Thursday, May 9, 2024

एक दशक में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता हुई दोगुनी : प्रधानमंत्री

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की समुद्री क्षमता को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए हम नीतिबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। इसी के फलस्वरूप पिछले एक दशक में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है। बंदरगाहों पर कंटेनरों के टर्न-अराउंड समय में तेजी से कमी आई है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

प्रधानमंत्री मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट (जीएमआईएस) 2023 के तीसरे संस्करण के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुंबई में आयोजित यह शिखर सम्मेलन देश के समुद्री क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट के तीसरे संस्करण में सभी का स्वागत किया। उन्होंने याद किया कि जब 2021 में शिखर सम्मेलन हुआ था तो कैसे पूरी दुनिया कोविड महामारी की अनिश्चितताओं से जूझ रही थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक नई दुनिया आज आकार ले रही है। बदलती विश्व व्यवस्था में प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि दुनिया नई आकांक्षाओं के साथ भारत की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट से जूझ रही दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है और वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा। वैश्विक व्यापार में समुद्री मार्गों की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कोरोना के बाद की दुनिया में एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्ति शृंखला की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत की समुद्री क्षमताओं से हमेशा दुनिया को फायदा हुआ है। मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे पर ऐतिहासिक जी-20 के देशों की सर्वसम्मति के परिवर्तनकारी प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जैसे अतीत के सिल्क रूट ने कई देशों की अर्थव्यवस्था बदल दी, वैसे ही यह गलियारा भी वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा। मोदी ने कहा कि इसके तहत नेक्स्ट जेनरेशन मेगा पोर्ट, इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट, द्वीप विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग और मल्टी-मॉडल हब जैसे कार्य किए जाएंगे, जिससे व्यावसायिक लागत में कमी आएगी और पर्यावरणीय गिरावट से लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा और नौकरियां पैदा होंगी। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि निवेशकों के पास इस अभियान का हिस्सा बनने और भारत से जुड़ने का एक शानदार अवसर है।

मोदी ने दोहराया कि आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मैरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजूबत करने के लिए लगातार काम किया है। बीते एक दशक में भारत के मेजर पोर्ट की क्षमता दोगुनी हो चुकी है। पोर्ट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए हमने हजारों किमी की नई सड़कें बनाई हैं। सागरमाला परियोजना से हमारे तटीय इलाकों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। ये सारे प्रयास रोजगार सृजन और ईज ऑफ लिविंग को कईं गुना बढ़ा रहे हैं। मैरीटाइम टूरिज्म को बढ़ाने के लिए हमने विश्व की सबसे बड़ी रिवर क्रूज सर्विस की शुरुआत भी की है। भारत अपने अलग-अलग पोर्ट पर इससे जुड़े कईं प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय