ग्रेटर नोएडा। थाना बीटा-दो में एलएलबी के एक दलित छात्र की शिकायत पर तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित 10 पुलिस कर्मियों के खिलाफ मारपीट कर अवैध में हिरासत में रखने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह की मीडिया प्रभारी ने बताया कि जनपद अलीगढ़ के रहने वाला एलएलबी के छात्र जितेंद्र उर्फ जीतू के खिलाफ एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह उसके स्पा सेंटर में आया तथा उसको ब्लैकमेल करके उससे पैसे मांग रहा था। इस घटना की शिकायत पर पुलिस ने जितेंद्र उर्फ जीतू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जमानत पर आने के बाद जीतू ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा गया तथा उसके साथ मारपीट कर उसे यूरिन पिलाया गया।
छात्र के अनुसार उसके मोबाइल फोन में हिडन कैमरा लगा था, जिसके आधार पर उससे मारपीट और यूरिन पिलाने की तस्वीर कैद हुई। इस मामले में छात्र का कहना है कि उसको गलत तरीके से फंसाया गया। उसकी जेब में जबरदस्ती रुपए डाले गए। छात्र ने बीटा-2 कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी समेत 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दी, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। इसके बाद छात्र ने लखनऊ में आत्मदाह करने का प्रयास किया।
उन्होंने बताया कि छात्र की शिकायत पर थाना बीटा-दो के तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिल राजपूत, तत्कालीन चौकी प्रभारी अनुज कुमार राणा, परी चौक के चौकी प्रभारी देवेंद्र राठी सहित 10 पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
बताया जाता है कि छात्र काफी दिनों से पुलिस अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई करने की मांग कर रहा था। लेकिन पुलिस अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे थे। इससे परेशान छात्र लखनऊ पहुंचा तथा उसने आत्मदाह करने की कोशिश की। उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के आला अधिकारी हरकत में आए तथा उनके आदेश पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ थाना बीटा-दो में मुकदमा दर्ज हुआ। नामजद किए गए तत्कालीन बीटा-2 थाने में तैनात पुलिसकर्मियों में से अधिकांश अब दूसरे थाने में तैनात हैं।