नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को सफदरजंग अस्पताल के एक न्यूरोसर्जन मनीष रावत को चार अन्य लोगों के साथ अवैध गतिविधियों में शामिल होने और चिकित्सकीय सलाह के बदले रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। मनीष रावत जनवरी 2017 में एक हिट एंड रन मामले में शामिल था, जिसमें उसकी ऑडी ने कथित तौर पर चार लोगों को कुचल दिया था, जो गाजियाबाद में एक ऑटो-रिक्शा से यात्रा कर रहे थे। पुलिस जांच में खामियां पाए जाने के बाद रावत को गाजियाबाद की एक अदालत ने उस मामले में जमानत दे दी थी। सीबीआई ने मौजूदा मामले में गुरुवार को गिरफ्तार किए गए पांच लोगों मनीष रावत, अवनीश पटेल, मनीष शर्मा, दीपक खट्टर और कुलदीप के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ऐसा आरोप था कि मनीष रावत अन्य लोगों (बिचौलियों के रूप में काम कर रहे) के साथ साजिश में, निजी व्यक्तियों और दिल्ली में सर्जिकल दुकान के मालिक सहित, सफदरजंग अस्पताल में इलाज के संबंध में निर्धारित नियमों को दरकिनार कर अवैध गतिविधियां और चिकित्सा सलाह देने और सर्जरी करने के लिए पैसा ले रहा था।
रावत ने कथित तौर पर इन बिचौलियों के माध्यम से मरीजों को खट्टर की सर्जिकल दुकान से ही सर्जरी के लिए जरूरी उपकरण खरीदने का आदेश दिया। रावत ने कथित तौर पर मरीजों को निर्धारित उपकरणों के लिए उच्च दर का भुगतान करने के लिए भी मजबूर किया।
सीबीआई ने कहा कि हाल ही में रावत के मरीजों के परिचारकों से अन्य व्यक्तियों के बैंक खातों में बिचौलियों के माध्यम से 1,15,000 रुपये, 55,000 रुपये और 30,000 रुपये की रिश्वत ली गई थी। यह कथित रूप से रावत के इशारे पर किया गया था।
रावत निजी व्यक्ति द्वारा प्रबंधित कंपनियों के माध्यम से अवैध रूप से कमाए गए धन का शोधन कर रहा था। दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण आदि बरामद हुए।