नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से जुड़े ₹2,200 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में मलिक सहित पांच अन्य व्यक्तियों और एक कंपनी को आरोपी बनाया गया है।
क्या है मामला?
किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर बन रहा है। इसकी कुल लागत ₹4,287 करोड़ है, जिसमें से ₹2,200 करोड़ का सिविल वर्क्स का ठेका पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को वर्ष 2019 में दिया गया था। CBI का आरोप है कि इस ठेके की प्रक्रिया में ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन को जानबूझकर दरकिनार किया गया, जिससे पारदर्शिता की गंभीर अनदेखी हुई।
चार्जशीट में शामिल लोग
CBI की चार्जशीट में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें शामिल हैं- सत्यपाल मलिक (पूर्व राज्यपाल, जम्मू-कश्मीर), नवीन कुमार चौधरी (पूर्व चेयरमैन, CVPPPL), एम. एस. बाबू (पूर्व प्रबंध निदेशक), एम. के. मित्तल (निदेशक), अरुण कुमार मिश्रा (निदेशक) और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड (ठेका प्राप्त कंपनी).
इन सभी पर भ्रष्टाचार, साजिश और सरकारी धन के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
छापेमारी और सबूत
CBI ने इस मामले में दिल्ली, मुंबई, श्रीनगर, जयपुर, पटना, नोएडा, चंडीगढ़ समेत 30 स्थानों पर छापेमारी की थी। इन छापों में नकद, निवेश से जुड़े दस्तावेज, संपत्ति रिकॉर्ड और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए।
अस्पताल से मलिक की प्रतिक्रिया
चार्जशीट दाखिल होने के कुछ ही घंटों बाद सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि वे इस समय अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने कहा,
“मैं अस्पताल में भर्ती हूं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हूं। मुझे शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, लेकिन मैं जवाब नहीं दे पा रहा।”
2021 में मलिक ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम के दौरान मलिक ने दावा किया था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए दो प्रोजेक्ट फाइलों के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत का ऑफर दिया गया था। इनमें एक बड़ी कंपनी और दूसरी एक राजनीतिक मंत्री से जुड़ी थी।
“कुर्ता-पायजामा” और किसानों के पक्ष में बयान
इससे पहले, जब CBI ने 2024 में उनके दिल्ली स्थित आवास पर छापा मारा था, तो मलिक ने कहा था:
“CBI ने मेरे घर छापा मारा, लेकिन जिन लोगों के खिलाफ मैंने भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, उनकी जांच नहीं हुई। उन्हें मेरे पास 4-5 कुर्ता-पायजामा ही मिलेंगे। मैं किसान का बेटा हूं, डरूंगा नहीं।”
आगे की कानूनी प्रक्रिया
CBI ने इस मामले में दो अलग-अलग FIR दर्ज की थीं—एक किरू प्रोजेक्ट से जुड़ी और दूसरी एक ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस योजना को लेकर। दूसरी FIR में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी पर अनियमितताओं के आरोप हैं। अब न्यायालय की प्रक्रिया तय करेगी कि मामले में आगे क्या दिशा ली जाती है और क्या अन्य गिरफ्तारियां संभव हैं।