नयी दिल्ली। संसद के बजट सत्र शुरू होने के साथ ही सदन में 11 सदस्यों के निलंबन को लेकर विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट बुधवार को पेश की गयी जिनमें इनको दोषी बताया गया है, लेकिन सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इसके निलंबन को रद्द कर दिया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पेश की गयी जिसमें इन सदस्यों को विशेषाधिकार के हनन और सदन की अवमानना का दोषी बताया गया है। सभापति ने समिति की सिफारिश के बाद नियम 202 और 266 के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सभी 11 सदस्यों का निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें सदन की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दे दी।
सभापति ने कहा, “यह निर्णय इस बात को ध्यान में रखकर लिया गया है कि ये सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान उपस्थित रह सकें।” सभापति ने श्रीमती जेबी मथेर हिशम, डाॅ. एल हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी सी चंद्रशेखर, विनय विश्वम, संदोष कुमार पी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम का निलंबन रद्द किया है।
समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि इन सदस्यों को पहले ही पर्याप्त अवधि की सजा मिल चुकी है। इन सभी सदस्यों को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन और आसन की अवमानना के आरोप में निलंबित कर इनका मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया था।