Wednesday, April 16, 2025

गाजियाबाद में मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाकर दो लाख से अधिक की ठगी

गाजियाबाद। अर्थला निवासी महिला के बेेटे को मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाकर 450 डॉलर वेतन का झांसा देकर दो लाख 15 हजार रुपये की ठगी कर ली। उनका आरोप है कि शातिर ने युवक को ईरान भेजकर दूसरे काम में लगा दिया। उन्होंने शातिर पर पांच माह वेतन हड़पने का भी आरोप लगाया है।

 

 

वहीं, नीतिखंड-तीन में भी एक व्यक्ति को व्हाट्सएप पर फर्जी वारंट की कॉपी भेजकर कार्रवाई का डर दिखाकर दो लाख 80 हजार रुपये ठग लिए। दोनों मामलों में पुलिस जांच कर रही है। अर्थला निवासी शोभा शर्मा ने बताया कि बेटे गौरव को मर्चेंट नेवी का कोर्स कराया है। अगस्त 2022 में बेटे सोनू के पास फरीदाबाद के अजीत ने कॉल की। उसने कहा कि वह मर्चेंट नेवी में नौकरी लगवाता है। इसमें चार लाख रुपये का खर्चा बताया। बेटे के मना करने पर उसने 50 हजार लेकर अपना मुंबई स्थित गोरेगांव ऑफिस दिखाया। शातिर ने उनसे छोटे बेटे गौरव की नौकरी लगवाने के लिए सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। उसके बाद गौरव को ईरान भेज दिया।

 

 

इस बाबत उनसे प्रतिमाह 450 डॉलर यानी 40 हजार रुपये वेतन देने का झांसा दिया। आरोप है कि गौरव को ईरान में काफी प्रताड़ित किया गया। उसे खाने-पीने का सामान भी नहीं दिया जाता था। कई बार गौरव ने फोन करके घर बुलाने के लिए कहा लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई। आरोप है कि शातिर ने नौकरी लगवाने की एवज में दो लाख 15 हजार रुपये और पांच माह का वेतन करीब दो लाख रुपये हड़प लिए। दूसरी तरफ, नीतिखंड तीन के सुशील कुमार को व्हाट्सएप पर फर्जी वारंट भेजकर कानूनी कार्रवाई का डर दिखाया।

यह भी पढ़ें :  ग़ाज़ियाबाद में हनुमान जन्मोत्सव पर विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल की भव्य शोभायात्रा, बुलडोजर पर योगी की तस्वीर बनी आकर्षण का केंद्र

 

 

उसके बाद उनसे कार्रवाई खत्म कराने के लिए दो लाख 80 हजार खाते में जमा करा लिए। इंदिरापुरम पुलिस ने ठगी का मुकदमा दर्ज किया है। डीसीपी निमिष पाटिल का कहना है कि ठगी के दोनों मामलों में खातों की जांच हो रही है। जल्द ठगों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय