गाजियाबाद। राज्य कर विभाग की टीम ने आरडीसी स्थित वाटर और सीवेज पाइप लाइन का ठेका लेने वाली फर्म पर छापा मारकर करोड़ों की जीएसटी चोरी पकड़ी है। टीम ने फर्म के संचालक से 12 करोड़ रुपये जमा कराए। इस दौरान फर्म में अफरातफरी का माहौल रहा।
अपर आयुक्त ग्रेड-1 गाजियाबाद जोन प्रथम दिनेश कुमार मिश्र ने बताया कि जीएसटी के तहत पंजीकृत सभी ठेका फर्म द्वारा दाखिल रिटर्न और प्राप्त टीडीएस की समीक्षा की जा रही है। कई मामलों में पाया गया कि ठेकेदार द्वारा ठेका ठेका के समय और संबंधित क्षेत्र में सेवाएं देने के समय भुगतान प्राप्त किया जाता है। जांच करने पर पाया गया टीडीएस कटौती के मुकाबले रिटर्न में टर्नओवर कम दिखाया गया है। कई फर्मों ने रिटर्न में टर्न ओवर शून्य दिखाया है। ऐसी फर्मों की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि आरडीसी सी 88 में गाजीपुर मिरजापुर एसटीपीएस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्म है। यह जीएसटी विभाग में पंजीकृत है। यह फर्म कॉन्ट्रैक्ट, साइट फॉर्मेशन एंड क्लीयरेंस, वाटर एंड सीवेज पाइपलाइन के तहत सर्विस सेक्टर में पंजीकृत है। फर्म का डाटा विश्लेषण करने पर पाया गया कि फर्म द्वारा प्राप्त संविदा के अनुरूप सर्विस तो प्रदान कर दी गई थी लेकिन उसकी लाइबिलिटी जीएसटीआर 3बी घोषित नहीं करते हुए करदेयता से बचा जा रहा था।
साल 2023-24 में प्राप्त टीडीएस वैल्यू के सापेक्ष जीएसटीआर 3बी में कम आउटवर्ड सप्लाई घोषित की गई थी। टीम ने फर्म पर पहुंचकर सेल से संबंधित प्रपत्रों की जांच की। मौके पर 12 करोड़ रुपये जमा कराए गए। जांच टीम में उपायुक्त रंतिदेव सिंह, रवीन्द्र नाथ सिंह, सहायक आयुक्त अरुण यादव, अरुण कक्कड़ समेत जीएसटी विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।