एक जंगल में तीन दोस्त रहते थे। ब्लैकी भालू, लंबू जिराफ और टिनी लोमड़ी। तीनों को नदी में नहाने का बहुत शौक था। इसी शौक के चलते वे बहुत अच्छी तरह तैराकी सीख गये थे।
एक बार बरसात में, जंगल के पास वाली नदी में बाढ़ आ गयी। नदी का पानी जंगल में भर गया जिसने भारी तबाही मचा दी। बिल बनाकर रहने वाले हजारों जीव जन्तु बाढ़ की भेंट चढ़ गये। राजा शेरूमल की महलगुफा में भी पानी भर गया था।
जब कुछ दिन के बाद बाढ़ खत्म हुई तो जंगल के जानवरों को ब्लैकी, लम्बू और टिनी ने समझाया यदि सब तैरना जानते होते तो इतनी जानें न जातीं। अब भी यदि सब लोग सहयोग करें तो जंगल में एक स्विमिंग पूल बनवाया जाये जिसमें सभी जानवर तैराकी सीखें और बाढ़ के समय अपनी जान बचा सकें।
सभी जानवरों ने उनकी बात का समर्थन किया। राजा शेरूमल से भी वे तीनों इस बारे में मिले। उन्होंने इसके लिए राजकीय सहायता की मांग की। शेरूमल ने अपने खजांची रैटू चूहे को तुरंत आर्डर दिया कि जंगल में स्विमिंग पूल खुलवाया जाये। टेनर होंगे ब्लैकी, लंबू और टिनी।
अगले ही दिन जंगल टाइम्स में इसकी खबर छपी। ठेकेदार अपने प्रस्ताव भेजने लगे। राजा शेरूमल ने जम्पी बंदर को इस काम का ठेका दे दिया। काम शुरू हो गया और कुछ ही दिनों में स्विमिंग पूल बनकर तैयार हो गया।
इसका नामकरण भी तीनों टेऊनर्स के नामों पर बीएलटी स्विमिंग सेंटर रखा गया। उद्घाटन शेरूमल ने फीता काटकर स्वयं तैरना सीखने के साथ किया।
सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बीएलटी स्विमिंग सेंटर में जंगल के जानवर जीव जन्तु बारी बारी से आकर तैराकी सीखते। कुछ ही महीनों में सभी जानवर अच्छी तरह तैरना सीख गये। बरसात का मौसम आने से पहले ही जंगल के सभी जीव-जन्तु तैराकी सीख गये। अब उन्हें बाढ़ की चिंता नहीं थी।
– अमन शर्मा