गाजियाबाद। मानसून से पहले जलभराव ना होने के दावे और जलभराव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए गठित की गई टीम आज बारिश के दौरान जलभराव में डूब गए। गाजियाबाद में मानसूनी बारिश ने दस्तक दे दी है। पिछले दो दिन से लगातार हो रही बारिश से लोगों को चिलचिलाती धूप और उमस वाली गर्मी से थोड़ी राहत तो मिल गई है। लेकिन गाजियाबाद में हुई मानसून की बारिश ने नगर निगम के दावों की तमाम पोल खोल कर रख दी। बारिश से जगह-जगह हर इलाके में जलभराव की स्थिति बन गई है। गाजियाबाद में सड़कें तालाब बन गईं। हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। कई इलाके तो ऐसे हैं, जहां पर लोगों का निकलना दूभर हो गया।
महापौर और नगर आयुक्त के दावे डूबे
मानसूनी बारिश में गाजियाबाद महापौर और नगर आयुक्त के दावे डूबते और तैरते नजर आए। नगर निगम के दोनों जिम्मेदारों ने मानसून से पहले दावा किया था कि इस बार गाजियाबाद में कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं उत्पन्न होगी। लेकिन दो दिन में हुई हल्की बारिश में गाजियाबाद महापौर और नगर आयुक्त के दावों की पोल खुल गई।
नगर निगम ने काफी पहले से नालों की सफाई अभियान चलाया हुआ है। नगर आयुक्त का दावा था कि मानसूनी बारिश से पहले ही नालों की साफ सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया और अब कहीं भी जलभराव की स्थिति नहीं होगी। लेकिन जिस तरह की स्थिति आज बनी वह खुद ब खुद अपने आप यह बयां कर रही है कि नगर निगम के द्वारा की गई नालों की सफाई कितनी कारगर सिद्ध हुई है।
बारिश से मिली गर्मी से राहत
गाजियाबाद, दिल्ली एनसीआर में लगातार गर्मी का पारा आसमान को छू रहा था। गाजियाबाद की अगर बात करें तो जिले में गर्मी अपने चरम सीमा पर थी। जिससे लोग घर से नहीं निकल पा रहे थे। वहीं लोग केवल घर से निकल रहे थे जिन्हें बहुत जरूरी कार्य से बाहर जाना होता था। लेकिन मंगलवार और बुधवार को गाजियाबाद में मानसून की बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
विशेष सफाई अभियान नदारत
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का यह कहना है कि जिस तरह से नगर निगम ने वाटर लॉगिंग की समस्या से निपटने के लिए नालों की साफ सफाई का कार्य शुरू किया था। वह विशेष सफाई अभियान नहीं नजर आ रहा है। क्योंकि बारिश ने ही नगर निगम के विशेष सफाई अभियान के तमाम दावों की पोल खोल कर सामने रख दी है। सड़कों पर पानी जमा हो गया है। गली मोहल्लों में भी बारिश का पानी जमा हो गया है। कई जगह सीवर तक भी ओवरफ्लो हो चुके हैं।