जीभ को हमेशा टंग क्लीनर या ब्रश से अवश्य साफ करें ताकि जीभ पर मैल जमा न हो जो कि मुंह की बीमारियों के लिए ठीक नहीं। टंग क्लीनर का प्रयोग करने से पहले और बाद में अच्छी तरह से धोएं। टंग क्लीनर से जीभ बड़े आराम से साफ करें। ज्यादा तेजी से करने से खून आ सकता है।
दांतों की सफाई मंजन और टुथपाउडर से न करें। चाहे जितने भी महीन पिसे हों, इनके प्रयोग से इनेमल की परत पर प्रभाव पड़ता है।
नीम का दातुन बहुत अच्छा होता है। नीम में कई बीमारियों से लडऩे की क्षमता होती है लेकिन दातुन से दांत अच्छे से साफ नहीं हो पाते। इसका प्रयोग करते हैं तो बाद में दांत टुथपेस्ट व ब्रश से भी साफ करें।
खाना खाने के बाद कुछ अवशेष दांतों के बीच में फंस जाते हैं जो दांतों में संक्रमण के खतरे को बढ़ाते हैं। बाद में कीड़ा लगने का खतरा भी बढ़ सकता है। खाने केे बाद अच्छे से कुल्ला करें। उंगली की सहायता से सभी दांत साफ करें। वैसे फ्लासिंग करना भी एक अच्छा तरीका है। फ्लासिंग धागे को हर दांत के बीच में डालकर खाने के कणों को निकालें। बाद में पानी से कुल्ला कर लें। कभी कभी फ्लासिंग करने के गलत तरीके से मसूड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। इस बात का ध्यान रखें।
खाने के थोड़ी देर बाद शुगर फ्री च्यूंगम चबाने से मुंह में सलाइवा बनता है जिससे सांसों की दुर्गन्ध में कमी आती है और दांतों में फंसा खाना भी निकल जाता है। खाने के थोड़ी देर बाद सौंफ या मिश्री भी खा सकते हैं ताकि मुंह की दुर्गन्ध दूर रहे।
ब्रश से दांतों की सफाई करने में दो मिनट का समय लगाएं। धीरे धीरे ब्रश को एक तरफ से दूसरी तरफ ब्रश करते हुए ले जाएं। ऊपर वाले दांतों में सफाई करते हुए ब्रश ऊपर से नीचे लाएं, इसी प्रकार नीचे वाले दांतों की सफाई करते हुए ब्रश नीचे सेे ब्रश नीचे से ऊपर ले जाएं। तेज ब्रश न रगड़े इससे दांत घिसते हैं। ब्रश करने के बाद पानी से कुल्ला अच्छी तरह करें।
ध्यान दें:-
टूथपिक का प्रयोग न करें। ऐसा करने से मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है।
हर तीन माह के अंतराल में ब्रश अवश्य बदलें। ज्यादा पुराना ब्रश दांतों और मसूड़ों के लिए नुकसानदायक है।
कोल्ड ड्रिंक्स, चाय-काफी, शराब, तंबाकू, गुटखे के सेवन से बचें। इनके सेवन से दांतों की सुरक्षा परत(इनेमल) पतली होने लगती है और बैक्टीरिया सीधे दांतों पर हमला करते हैं।
दिन में दो बार ब्रश अवश्य करें। कुछ भी खाएं उतनी बार कुल्ला अवश्य करें।
अपनी ओरल हैल्थ का ध्यान रखें। तभी हमारी सांसें स्वच्छ रहेंगी।
– नीतू गुप्ता