देहरादून। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 2024 को शुरू हुए एक हफ्ता हो गया है। इस साल अभी तक मात्र एक हफ्ते में पिछले साल के मुकाबले दोगुनी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा में दर्शन करने आ रहे हैं। जिसके कारण चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हालात ये है कि यमुनोत्री गंगोत्री धाम में प्रशासन की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए नाकाफी साबित हो रही है। जिसके कारण खुद मुख्यमंत्री धामी ने ग्राउंड पर जाकर चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं की समस्याओं को सुना, साथ ही तमाम अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने आईपीएस अधिकारी आईजी अरुण मोहन जोशी को यमुनोत्री गंगोत्री धाम की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सौंपी है। चारधाम यात्रा इस बार अत्यधिक भीड़ के कारण पुलिस और प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। ऐसे में व्यवस्थाएं सुचारु बनाए रखना आसान नहीं है। इन्हीं अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईजी अरुण मोहन जोशी को जिम्मा दिया है।
आईजी अरुण मोहन जोशी ने कांवड़ और कोरोना काल में बेहतरीन कार्य किया था। इतना ही नहीं वे भीड़ नियंत्रण के मामले में भी खासा अनुभव रखते हैं। चारधाम यात्रा में कांवड़ जैसे बड़े आयोजन का अनुभव रखने वाले अफसर को जिम्मेदारी देने से उनके अनुभव का लाभ प्रशासन को मिल सकेगा।
हरिद्वार में एसएसपी के रूप में तैनाती के दौरान 2012 में आईपीएस जोशी ने शहर के किनारे बैरागी कैंप शुरू करवाकर भीड़ को एक तरफ करने की नई व्यवस्था शुरू की। उससे कांवड़ यात्रा काफी हद तक पटरी पर आ गई थी। वहीं कोरोनाकाल में जोशी देहरादून के एसएसपी थे।
संकटकाल में उन्होंने लोगों के बीच मदद की कई योजनाएं खुद शुरू कीं। गरीबों के लिए लगातार मुफ्त भोजन, अकेले रहने वाले बुजुर्गों को घर पर दवाएं, भोजन आदि उपलब्ध करवाने के अलावा पीड़ितों को उपचार के प्रबंध किए। इससे पुलिस की लोकमित्र छवि बनी है। वहीं अब उम्मीद है कि चारधाम यात्रा में आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यस्थित करने में काफी मदद मिल सकेगी।