रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अम्बुजनाथ की अदालत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर टिप्पणी मामले में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को मिली राहत अगली तिथि तक बरकरार रखी है। राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केस के सूचक को लिखित बहस जमा करने के लिए अंतिम मौका दिया है।
हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 मई की तिथि निर्धारित की है। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को विस्तार दिया है। इससे पहले हाई कोर्ट राहुल गांधी को रांची सिविल कोर्ट की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगा चुका है। राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और अधिवक्ता दीपांकर राय ने पक्ष रखा। इस मामले के याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद साहू ने पक्ष रखा।
दरअसल, यह मामला राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस के अधिवेशन में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी करने से जुड़ा है, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता है। कांग्रेसजन किसी हत्यारा को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं। यह भाजपा में ही संभव है। नवीन झा ने राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराई थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान ले लिया था। राहुल गांधी ने इसे निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।