नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने गुरुवार को 13 दिसंबर की संसद की सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए पुलिसिंग, सुरक्षा और कानून में अनुभव वाले सदस्यों वाली संसद की एक संयुक्त समिति के गठन की मांग की है। उन्होंने 6 जनवरी, 2021 कैपिटल हिल का भी हवाला दिया। सुरक्षा उल्लंघन होने पर, जिसकी अमेरिकी कांग्रेस की एक चयन समिति द्वारा स्वतंत्र रूप से जांच की गई थी।
एक्स पर एक पोस्ट में, तिवारी ने कहा, “13 दिसंबर, 2023 की घटनाओं की समवर्ती जांच के लिए पुलिस, सुरक्षा और कानून में पूर्व अनुभव रखने वाले सदस्यों से युक्त संसद की एक संयुक्त समिति गठित की जानी चाहिए।”
पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री तिवारी ने कहा, “जबकि एक साथ पुलिस जांच से काम चल सकता है और संबंधित एजेंसियों द्वारा समानांतर सुरक्षा ऑडिट से खुलासा हो सकता है, भारतीय लोकतंत्र का सर्वोच्च मंदिर इस तरह की घटना की अनुमति नहीं दे सकता है।”
13 दिसंबर, 2001 को आतंकवादियों द्वारा संसद पर हमले की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा, “हालांकि 13 दिसंबर, 2001 और 13 दिसंबर, 2023 की तुलना नहीं की जा सकती है, लेकिन दोनों मामलों में जो हो सकता था, उसके गंभीर परिणाम होंगे। एक बार फिर सुरक्षा चूक हुई।”
उन्होंने कहा,“जिस तरह अमेरिकी कांग्रेस की एक चयन समिति ने 6 जनवरी, 2021 कैपिटल हिल सुरक्षा ब्रीच की स्वतंत्र रूप से जांच की, उसी तरह भारत की संसद को पूरी घटना की स्वतंत्र रूप से जांच करनी चाहिए और सदस्यों व संसद के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित सिफारिशें करनी चाहिए।”
तिवारी ने कहा, “दोनों सदनों को पक्षपातपूर्ण विभाजन से ऊपर उठना चाहिए और कल जो कुछ भी हो सकता था, उसके निहितार्थ को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।”
उनकी यह टिप्पणी लोकसभा में शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान दो लोगों के दर्शक दीर्घा से कूदने के एक दिन बाद आई है।
उधर, गृह मंत्रालय ने कहा, “लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर, गृह मंत्रालय ने संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच का आदेश दिया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के तहत एक जांच समिति गठित की गई है, जिसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य शामिल हैं।”
गृह मंत्रालय ने कहा कि जांच समिति संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करेगी, खामियों की पहचान करेगी और आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी।