Thursday, November 21, 2024

रामपुर तिराहा कांड में कोर्ट में सुनवाई हुई, अब अगली तिथि छः नवंबर निर्धारित

मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में आज सफाई साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया गया है और सीबीआई के डीआईजी-एसपी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

अधिवक्ता अनुराग वर्मा और रजनीश चौहान ने बताया कि मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत ने एक पत्रावली में बचाव पक्ष का सफाई साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया है। रामपुर तिराहा कांड में अदालत ने एक पत्रावली में बचाव पक्ष का सफाई साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया है, जबकि दूसरी पत्रावली में सीबीआई के डीआईजी और एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय संख्या सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने अगली सुनवाई के लिए छह नवंबर की तिथि तय की है।

शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी परवेंद्र सिंह, उत्तराखंड़ संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और रजनीश चौहान ने बताया कि मंगलवार को सुनवाई हुई। सरकार बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में आरोपी मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप अपने बचाव में कोई सफाई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। अब इस पत्रावली में बहस की प्रक्रिया शुरू होगी।

सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी की पत्रावली में सीबीआई ने अदालत में गवाह पेश नहीं किया। अदालत ने आपत्ति जताते हुए सीबीआई के डीजीआई और एसपी से स्पष्टीकरण मांगा है। यह भी पूछा कि क्या कोई गवाह सुरक्षा कारणों से अदालत में नहीं आ रहा है। अगर ऐसा है तो सुरक्षा प्रदान की जाए।

रामपुर तिराहा कांड में सीबीआई बनाम बृजकिशोर की पत्रावली में बचाव साक्ष्य की प्रक्रिया पूरी हो गई है। बचाव पक्ष की ओर से अदालत में पत्रकार प्रदीप शर्मा को पेश किया गया। आरोपी बृजकिशोर सिंह और गजराज सिंह न्यायालय में हाजिर हुए, जबकि आरोपी उमेशचंद शर्मा की ओर से हाजिरी माफी दी गई। अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने सुनवाई की।

उल्लेखनीय है कि एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया।

आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिस पार्टी और अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। गंभीर धाराओं के सेशल ट्रायल मुकदमों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने जिले के अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह को अधिकृत किया है।

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