गाजियाबाद। बेची हुई प्रॉपर्टी को बैंक में गिरवी रखकर फर्जी तरीके से 69 लाख रुपये के तीन ऋण लेकर धोखाधड़ी करने वाली संतोष सचान को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। संतोष चार साल से फरार चल रही थी। 28 सितंबर 2023 को इसके खिलाफ 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद ने बताया कि संतोष से पूछताछ में पता चला कि वह चिरंजीव विहार में कपड़े की दुकान करती है। पहले वह सेक्टर 23 में रहती थी।
स्वर्णजयंतीपुरम में उसका एक प्लॉट था, जिसे उसने साल 2009 में बेच दिया था। इसके बाद वह चिरंजीव विहार में रहने लगी। 2018-2019 में कौशांबी के रहने वाले शैलेश कुमार ने बैंक मैनेजर डेबिड दांहगा और संतोष के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज लगाकर नोबल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड से तीन ऋण (35 लाख, 27 लाख और सात लाख रुपये) ले लिए।
जिसमें संतोष गारंटर बनी और अपनी बेची हुई संपत्ति के दस्तावेज लगाए। मामले में बैंक के डिप्टी सीईओ राघव भारद्वाज ने नवंबर 2020 में कौशांबी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस पूर्व में शैलेश और डेबिड दांहगा को गिरफ्तार कर चुकी है। संतोष के खिलाफ धोखाधड़ी के दो मुकदमे दर्ज हैं।