खतौली। कानून के हाथ बहुत लम्बे होते हैं। इस फिल्मी डॉयलॉग को हकीकत में बदलते हुए कोतवाली खतौली पुलिस ने डकैती के दौरान एक महिला को मौत की नींद सुलाने वाले फरार ईनामी बदमाश को 27 साल बाद गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है। जानकारी के अनुसार 7 अप्रैल वर्ष 1997 को चार बदमाशों ने थाना क्षेत्र के गांव लिसौड़ा निवासी ओमप्रकाश पुत्र सुखवीर सिंह के घर में घुसकर डकैती डालने की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था। विरोध करने पर बदमाशों ने ओमप्रकाश की पत्नी कमलेश व साली प्रकाशी को गोली मार दी थी। गोली लगने से कमलेश ने दम तोड दिया था, जबकि प्रकाशी की ईलाज के बाद जान बच गई थी।
ओमप्रकाश की तहरीर पर पुलिस ने धारा 394, 3०2 में मुकदमा दर्ज करके कुछ समय बाद ही वारदात का खुलासा कर दिया था। कोतवाल उमेश रोरिया ने बताया कि मुकदमे की तफ्तीश के दौरान एक बदमाश रामवीर पुत्र ज्वाला प्रसाद निवासी चान्ट पलवल थाना पलवल जिला फरीदाबाद हरियाणा का नाम प्रकाश में आया था तभी से बदमाश रामवीर वांछित चल रहा था। कुछ अर्से बाद न्यायालय द्वारा भगौड़ा घोषित करने के चलते पुलिस ने बदमाश रामवीर की गिरफ्तारी पर बीस हज़ार का ईनाम घोषित कर दिया था। बताया गया एसएसपी अभिषेक सिंह द्वारा अभियान चलाकर वांछितों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिए जाने के अंतर्गत मंगलवार को हाईवे के भंगेला कट के पास चैकिंग किए जाने के दौरान 27 सालों से फरार चल रहा बीस हज़ारी बदमाश रामवीर अचानक कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
कोतवाल उमेश रोरिया ने बताया कि गिरफ्तार बदमाश बीते 27 सालों से अपनी पहचान छुपा ठिकाने बदल-बदल कर रह रहा था। पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश रामवीर को लिखा पढ़ी पश्चात जेल भेज दिया। कोतवाल उमेश रोरिया के नेतृत्व में गुड़वर्क करने वाली टीम में एसआई संजय कुमार हैड कांस्टेबल धनेश, कांस्टेबल योगेश, निरोत्तम, मौहम्मद अलीम के अलावा सर्विलांस टीम के राहुल कुमार व ललित कुमार शामिल रहे।