नोएडा। एक दलित छात्र को थाना बीटा-टू में हिरासत में रखकर मारपीट करने के दर्ज मुकदमे के मामले में जिला न्यायालय ने जांच अधिकारी को एक माह में रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में निरीक्षक अनिल राजपूत, एसआई अनुज कुमार, चौकी प्रभारी देवेंद्र राठी समेत लगभग 10 पुलिस कर्मियों पर पूर्व में मुकदमा दर्ज हुआ था। बताया जाता है कि थाना बीटा-दो क्षेत्र में एक स्पा संचालिका से रंगदारी मांगने के आरोप में वकालत की पढ़ाई करने वाले जितेंद्र और जीतू को जेल भेजा था।
जितेंद्र ने बाद में आरोप लगाया कि पुलिस ने थाने में उसकी पिटाई की। इस आधार पर उसने विभिन्न जगहों पर शिकायत और उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित आवास पर जाकर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस कर्मियों के खिलाफ थाना बीटा-दो में अक्टूबर माह में मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।
पीड़ित के अधिवक्ता कविद्र लोहिया ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के कई माह बाद भी जांच पूरी नहीं हुई। अतः न्यायालय से जांच जल्द पूरी करने का निवेदन किया गया है। कोर्ट ने इस मामले की जांच एक माह में पूरी करने का आदेश पुलिस अधिकारियों को दिया है।