चित्रदुर्ग (कर्नाटक)। कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में दूषित पानी पीने से मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 6 हो गई, जबकि 36 और लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे भर्ती हुए कुल मरीजों की संख्या 185 हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह घटना 31 जुलाई को जिले के कवाडीगरहट्टी इलाके में दर्ज की गई।
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनमें से कई की हालत गंभीर है।
पीड़ितों में से, 22 वर्षीय महिला उषा ने दूषित पानी पीने के बाद अपने बच्चे को खो दिया।
अधिकारियों ने कहा कि उषा अपनी डिलीवरी के लिए कवाडीगरहट्टी में अपने माता-पिता के घर आई थी, इस दौरान उसने पानी पी लिया।
उसे तुरंत उल्टी होने लगी और दस्त के लक्षण दिखे जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लाख कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उसके बच्चे को नहीं बचा सके।
उल्टी और दस्त के गंभीर लक्षणों के बाद चित्रदुर्ग के बसवेश्वरा अस्पताल में भर्ती कराए गए 50 वर्षीय रुद्रप्पा की शुक्रवार को मौत हो गई।
कवाडीगरहट्टी निवासी मंजुला (23) और रघु (27) की भी मौत हो गई।
शुक्रवार को भी, समान लक्षणों के साथ 36 नए अस्पताल में भर्ती हुए।
केंद्रीय राज्य मंत्री, ए. नारायणस्वामी, जो चित्रदुर्ग सांसद सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने अस्पताल का दौरा किया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
चित्रदुर्ग में स्थानीय लोगों ने प्रशासन और स्थानीय कांग्रेस विधायक के.सी. वीरेंद्र पप्पी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था।
धार्मिक गुरु शिवशरण हरलैया और दलित नेताओं के विरोध के बाद, पप्पी ने बसवेश्वर अस्पताल का दौरा किया।
115 लोगों को बसवेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया है और 34 लोगों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
पानी के सैंपल की एफएसएल रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें कोई जहरीला रसायन नहीं है।
पहले यह आरोप लगाया गया था कि एक स्थानीय निवासी के खिलाफ पोस्को अधिनियम का मामला दर्ज होने के बाद बदमाशों ने पानी में जहर मिला दिया होगा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और जिला अधिकारियों को दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों ने चित्रदुर्ग नगर पालिका से जुड़े एईई आर. मंजूनाथ गिराड्डी और जेई एसआर किरण कुमार को निलंबित करने की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट भेजी है।
कवाडीगरहट्टी में वॉल्व ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले प्रकाश को भी जिला आयुक्त ने निलंबित कर दिया था।