नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व IAS प्रशिक्षु पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। पूजा पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा का लाभ लेने का गंभीर आरोप है।
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न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने पूजा खेड़कर के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पूजा ने साजिश रचकर सिस्टम का दुरुपयोग किया। उनके कृत्य से देश की छवि को नुकसान पहुंचा है। अगस्त 2024 में पूजा खेड़कर को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी गई थी। अब हाई कोर्ट ने इस सुरक्षा को भी हटा लिया है, जिससे उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
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31 जुलाई 2024 को UPSC ने पूजा खेड़कर की सिविल सेवा परीक्षा 2022 की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। आयोग ने उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं से स्थायी रूप से वंचित कर दिया। पूजा को परीक्षा नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया था।
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इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने कहा कि पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी। जांच एजेंसी को मामले में निष्पक्षता और गहराई से जांच करने का निर्देश दिया था। ट्रायल कोर्ट के फैसले को पूजा खेड़कर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया, जिससे अब उन्हें अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी।
पूजा खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने ओबीसी और दिव्यांगता कोटा का अनुचित लाभ उठाया। यह मामला न केवल व्यक्तिगत स्तर पर धोखाधड़ी का है, बल्कि सिस्टम और कोटा प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद जांच एजेंसियां अब उनकी गिरफ्तारी के लिए कदम उठा सकती हैं। मामले की जांच और विस्तारित हो सकती है, जिससे अन्य तथ्यों का भी खुलासा होने की संभावना है।