नयी दिल्ली। राज्यसभा ने दिल्ली के एक काेचिंग संस्थान में छात्रों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पूरी घटना की समग्रता से जांच की जानी चाहिए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
सदन में “प्राधिकारियों की कथित लापरवाही के कारण हाल में ही दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में छात्र और छात्राओं की दुखद मृत्यु की घटना पर” अल्पकालिक चर्चा की शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीवर और जल निकासी की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड और दिल्ली नगर निगम की है। स्थानीय सरकार और उसके मंत्री अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक छात्र ने संबंधित कोचिंग संस्थान के बारे में अधिकारियों को दो महीने तक शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
उन्हाेंने कहा कि हजारों कोचिंग संस्थान और पुस्तकालय भवनों तहखानाें में चल रहे है। यह सब भ्रष्टाचार के कारण चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान की यह दुर्घटना प्रशासनिक हत्या है। संबंधित अधिकारियों और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ब्रायन ने कहा कि ऐसीी घटनाओं के संबंध में गंभीरता से सोचा जाना चाहिए। देश में कोचिंग संस्थानों के कारण बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार को इन्हीं नियंत्रित करने की दिशा में बढ़ना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि यह घटना पुराने गुनाहों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अधिकारी मंत्रियों के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों की मृत्यु की घटना की पूरी जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
द्रविड मुनेत्र कषगम के तिरुचि शिवा ने कहा कि काेचिंग संस्थानों के कारण देश भर में छात्र आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीट प्रणाली की समीक्षा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों में प्रवेश स्थानीय स्तर पर होने चाहिए।