भोपाल। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को बना दिया। मंगलवार को नए प्रभारी की मौजूदगी में हुई बैठक में जिला स्तर के पदाधिकारी बड़े नेताओं पर न केवल भड़के बल्कि पार्टी की कार्यशैली तक पर सवाल उठाए।
आरोप लगाए गए कि कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हराया। विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद समीक्षा के लिए कांग्रेस मुख्यालय में वर्तमान विधायकों, जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों-सह प्रभारियों और जिला संगठन मंत्रियों की बैठक हुई।
बैठक में जिला स्तर के तमाम पदाधिकारियों ने प्रदेश स्तर के नेताओं पर सीधे हमले बोले और आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान कांग्रेस को भाजपा ने नहीं, बल्कि कांग्रेस को कांग्रेस के लोगों ने हराया है। कई जिलों के नेताओं ने आरोप लगाया कि विधानसभा स्तर पर कांग्रेस के उम्मीदवार को हराने में कांग्रेस के नेता ही लगे रहे। लाडली बहना योजना का भाजपा को उतना लाभ नहीं मिला, जितना प्रचारित किया जा रहा है, कांग्रेस को भी महिला वर्ग का साथ मिला है। हार की वास्तविकता को जानना बड़े नेता चाहते ही नहीं हैं।
यह संयुक्त बैठक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव मप्र प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह के मुख्य आतिथ्य और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की अध्यक्षता में आहूत की गई। बैठक में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, विधानसभा के उपनेता हेमंत कटारे सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
बैठक में संगठनात्मक दृष्टिकोण से पार्टी की सक्रियता एवं आगामी लोकसभा चुनाव सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। भंवर जितेन्द्र सिंह ने बैठक में कहा कि विधानसभा चुनाव में हमारी उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं आये, मगर अपेक्षाकृत प्रदेश की जनता ने हमें एक मजबूत जनाधार दिया है, जिससे हम पूरे जोश और उम्मीद के साथ भविष्य की रणनीति पर काम करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने संगठन की मजबूती के लिए पांच ‘स’, संकल्प, समन्वय, संघर्ष, सक्रियता से सफलता, का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि हम इस बात का संकल्प लें कि हम संगठन में पूरी प्रतिबद्धता से काम करेंगे, सब बेहतर समन्वय बनाकर काम करेंगे, कभी संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे और अपनी संगठनात्मक सक्रियता को बरकरार रखकर सफलता हासिल करेंगे।