बागपत- उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार शनिवार को बागपत दौरे पर थे। उनका यह दौरा विकास कार्यों की समीक्षा और जनसमस्याओं के समाधान के उद्देश्य से था, लेकिन यह दौरा उस समय विवाद का कारण बन गया, जब बैठक स्थल पर जिलाधिकारी अस्मिता लाल समय पर नहीं पहुंचीं। इस पर मंत्री बेहद नाराज हो गए और समीक्षा बैठक को रद्द कर दिया। इसके बाद उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को प्रोटोकॉल न मानने के लिए सख्त लहजे में फटकार लगाई।
PWD गेस्ट हाउस में सुनीं जनसमस्याएं, अधिकारियों को दिए निर्देश
शनिवार दोपहर करीब 1 बजे कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार PWD गेस्ट हाउस, बागपत पहुंचे। वहां उन्होंने जनता से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को सुना और कई मामलों में तुरंत अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।
मंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचना चाहिए।
छपरौली थाना क्षेत्र की एक महिला ने मंत्री से शिकायत की कि उसका मकान कब्जा लिया गया है। इस पर मंत्री ने तुरंत बागपत एसपी को कार्रवाई करने और समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
कलेक्ट्रेट में बैठक के लिए पहुंचे, लेकिन DM नदारद
मंत्री अनिल कुमार 1:30 बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, जहां विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित होनी थी। लेकिन, वहां जिलाधिकारी अस्मिता लाल मौजूद नहीं थीं। DM के न आने पर मंत्री ने इंतजार किया — पूरे 15 मिनट तक। जब अंततः जिलाधिकारी नहीं आईं, तो मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा।
उन्होंने कहा,
“मुझे न तो उचित सम्मान मिला और न ही जिलाधिकारी समय पर आईं। पहले से सूचना देने के बावजूद अधिकारियों ने बैठक में आने की जरूरत नहीं समझी। यह अत्यंत अनुशासनहीनता और प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।”
इसके बाद मंत्री ने बैठक तुरंत रद्द कर दी और मौजूद अधिकारियों को खरी-खरी सुनाते हुए वहां से चले गए।
कई वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मंत्री के गुस्से के शिकार
बैठक में केवल DM ही नहीं, बल्कि अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित नहीं थे। मंत्री ने गन्ना अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह, एडीएम पंकज वर्मा और एएसपी नरेंद्र प्रताप सिंह पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब सूचना पहले से दी गई थी, तो अधिकारियों को समय पर पहुंचना चाहिए था।
DM अस्मिता लाल ने दी सफाई, कहा- तबीयत खराब थी
मामले के तूल पकड़ने के बाद बागपत की जिलाधिकारी अस्मिता लाल का बयान सामने आया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बैठक में इसीलिए शामिल नहीं हो पाईं क्योंकि उनकी तबीयत खराब थी। उन्होंने मंत्री के दौरे की जानकारी होने की बात मानी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सकीं।
सोमवार को दोबारा होगी बैठक, सभी अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश
मंत्री अनिल कुमार ने समीक्षा बैठक को सोमवार के लिए पुनर्निर्धारित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस बैठक में राष्ट्रीय लोक दल के छपरौली विधायक अजय कुमार और बागपत के सांसद राजकुमार सागवान भी मौजूद थे, जो पूरे घटनाक्रम के साक्षी बने।
वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं तेज
इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें मंत्री का गुस्सा और बैठक रद्द करते हुए उनका बयान स्पष्ट सुना जा सकता है। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेज़ी से चर्चा में आ गया है। कई लोगों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताया है, तो कुछ ने अफसरशाही हावी होने अफसरों द्वारा जनप्रतिनिधियों के सम्मान न देने को कारण बताया है। बाद में मंत्री ने बिजनौर में दिवंगत हुए हेवा गांव निवासी आरक्षी मनोज के ग्राम में पहुँच कर परिवार के साथ अपनी शोक संवेदना प्रकट की।