नई दिल्ली। यमुनापार के लोगों की चिकित्सा सुविधा के सबसे बड़े केंद्र गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबीएच) में हुई गोलीबारी घटना के विरोध में अस्पताल के डॉक्टर आज सुबह बेमियादी हड़ताल पर चले गए। इसकी पुष्टि रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष डॉ. रजत शर्मा ने की है। उन्होंने अस्पताल को सुरक्षा प्रदान करने वाली एजेंसी पर गंभीर सवाल उठाते हुए अस्पताल प्रबंधन को भी कठघरे में खड़ा किया है।
आरडीए अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि आरडीए की मांग है- गुरु तेग बहादुर अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को अविलंब पद से हटाया जाए । उन्होंने आरोप लगाया है कि सुरक्षा प्रदान करने वाली एजेंसी घटिया स्तर के सुरक्षा गार्ड प्रदान करती है। उसकी सेवा को अविलंब टर्मिनेट किया जाए। इस एजेंसी को ज्यादातर सरकारी विभागों और अस्प्तालो में ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर अस्प्ताल प्रशासन के भ्रष्ट पदाधिकारी इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को मोटी रकम लेकर बिना टेंडर प्रक्रिया के विस्तार दे रहे हैं। इसकी जांच कराई जाए। दिल्ली के उपराज्यपाल दौरा कर सभी मामलों पर संज्ञान लें।
शर्मा ने कहा कि अस्पताल परिसर में एक मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 15 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया।यह निर्णय हमारे कार्यस्थल की सुरक्षा और संरक्षा के बारे में बार-बार उठ रही चिंताओं के बाद लिया गया है। दिल्ली सरकार सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने सुरक्षा की व्यवस्था मजबूत करने के लिए कई बार अपील की, लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ।
आरडीए सभी अस्पताल कर्मचारियों, मरीजों और आगंतुकों की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देता है। हाल ही में हुई घटना ने हमारे समुदाय को गहराई से झकझोर दिया है। जब तक इन बुनियादी सुरक्षा सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जाता, तब तक डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।