Tuesday, January 28, 2025

चीन के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध चाहते हैं डोनाल्ड ट्रंप, ‘समान अवसर’ पर दिया जोर

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के साथ “बहुत अच्छे संबंध” बनाने की उम्मीद करते हैं। दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यईएफ) को वर्चुअली संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “उन्होंने (शी जिनपिंग) मुझे फोन किया। लेकिन मैं इसे बहुत अच्छा मानता हूं। मुझे लगता है कि हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध होने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन की नीतियों के कारण व्यापारिक घाटे की मार झेल रहा है।

उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत के बारे में कहा, “मुझे लगता है कि हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध होने जा रहे हैं। हम बस निष्पक्षता चाहते हैं। हम लाभ उठाने की ताक में नहीं हैं, हम बस एक समान अवसर चाहते हैं।” संबंधों को “अनुचित” बताते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका लाभ नहीं उठाना चाहता, बल्कि निष्पक्षता चाहता है। उन्होंने व्यापार घाटे को “हाथ से निकल जाने” के लिए बाइडेन प्रशासन की भी आलोचना की। ट्रंप ने कहा, “चीन के साथ जो हमारे व्यापारिक संबंध रहे उससे हम काफी घाटे में रहे। बाइडेन ने इसे हाथ से निकल जाने दिया…यह सिर्फ एक अनुचित संबंध है, जिसे अमेरिका और चीन को मिलकर संवारना होगा। हमें इसे असाधारण नहीं बनाना है, हमें इसे एक निष्पक्ष संबंध बनाना है।

“ट्रंप ने चीन के साथ अमेरिका के वर्तमान रिश्ते को लेकर कहा, “अभी यह एक निष्पक्ष संबंध नहीं है। घाटा बहुत बड़ा है, जैसा कि बहुत से अन्य एशियाई देशों के साथ भी है। हम घाटे में हैं और हम ऐसा ही चलने नहीं दे सकते।” इन व्यापारिक मुद्दों के बावजूद, ट्रंप ने राष्ट्रपति शी की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी माना कि कोविड-19 के दौरान दोनों के रिश्तों में तल्खी आ गई थी। राष्ट्रपति ट्रंप बोले, “वुहान से कोविड-19 के आने के बाद अमेरिका और चीन के संबंध बहुत तनावपूर्ण थे, लेकिन इससे अलग हमारे बीच हमेशा बढ़िया संबंध रहे हैं। हम चीन के साथ बहुत अच्छे संबंध रखने के अलावा साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं।

“ट्रंप ने कहा, “मैं हमेशा से उन्हें पसंद करता रहा हूं। हमारे बीच हमेशा बहुत अच्छे संबंध रहे हैं।” आगे बोले, “वुहान से कोविड के आने के कारण स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी, लेकिन हमारे बीच हमेशा बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। हम चीन के साथ बहुत अच्छा करने और चीन के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करते हैं। उम्मीद है कि चीन हमें, विशेष रूप से रूस-यूक्रेन के साथ युद्ध को रोकने में मदद कर सकता है। उनके पास दोनों देशों के परिप्रेक्ष्य में बहुत अधिक शक्ति है। अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण भी देखना चाहेगा।” विशेष रूप से, 20 से 24 जनवरी तक स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहा डब्लूईएफ शिखर सम्मेलन वैश्विक चुनौतियों, आर्थिक परिवर्तनों और स्थिरता लक्ष्यों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और व्यापार, फेंटेनाइल और टिकटॉक सहित कई मुद्दों पर चर्चा की थी।

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