हमारे जीवन की सफलता और असफलता में हमारी स्मरण शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्मरण शक्ति के माध्यम से ही हम जीवन में सफलता और असफलता प्राप्त करते हैं। हम स्मरण शक्ति के माध्यम से किसी भी परीक्षा या प्रतियोगिता में केवल सफलता ही प्राप्त नहीं करते बल्कि समाज में भी व्यवहार और अपने कार्यों को सफलता पूर्वक सम्पन्न करते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्मृति मस्तिष्क का एक कार्य है। उत्तम स्मरण शक्ति मनुष्य के जन्मजात संस्कारों पर भी निर्भर करती है, गर्भावस्था के समय प्राप्त पोषक तत्वों और जन्म के उपरान्त बालक की पालन पोषण की पद्धति का भी इस पर बहुत प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि किसी व्यक्ति की स्मरण शक्ति तीव्र होती है तो किसी की क्षीण। किन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि कमजोर स्मरण शक्ति वाले अपनी स्मरण शक्ति को तीव्र नहीं कर सकते। कर सकते हैं मगर इसके लिए संयम, लगन और अभ्यास की बहुत आवश्यकता होती है।
स्मरण शक्ति क्षीण होने के कारण
– अत्यधिक मानसिक तनाव या चिन्ता का होना।
– क्रोधी स्वभाव का होना, क्योंकि क्रोध विवेक और स्मृति का विनाश करता है।
– शारीरिक दुर्बलता या रोग ग्रस्त होना भी मस्तिष्क दुर्बलता के कारण है।
– उद्देश्यहीन होना भी दुर्बल स्मरण शक्ति का कारण होता है।
स्मरण शक्ति तीव्र करने के उपाय
– निरन्तर अभ्यास करने से स्मरण शक्ति का विकास होता है।
– उत्तम स्मृति के लिए मन का स्थिर और एकाग्र होना बहुत आवश्यक है।
– याद करने से भी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
– रुचिकर चीजों को याद करने से भी स्मरण शक्ति का विकास होता है।
– कहते हैं कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है, इसलिए अच्छी स्मृति संचालन में स्वस्थ शरीर भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
– नियमित व्यायाम और ध्यान भी अच्छी स्मृति निर्माण में सहायक होता है।
– एक कुशल और प्रखर स्मरण शक्ति को विकसित करने के लिए जीवन में संतोष और समन्वय का होना भी बहुत आवश्यक है।
– उत्तम स्मरणशक्ति के लिए एकाग्रता व रुचि का होना बहुत आवश्यक है।
– निरर्थक बातों का परित्याग भी स्मरण शक्ति को तीव्र करता है।
– स्मरण शक्ति विचारों के संग्रह व सहचर्य से भी तीव्र होती है।
– सगे संबंधियों व मिलने वालों के नाम याद रखना भी स्मरण शक्ति को बढ़ाताहै।
अन्य उपाय स्मरण शक्ति बढ़ाने के
– गाजर व लौकी का हलवा स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
– गुलकंद, आंवले का मुरब्बा भी मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करता है।
– अखरोट और बादाम का सेवन भी स्मरण शक्ति को तीव्र करता है।
– जामुन का सेवन भी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
डॉ. फौजिया नसीम ‘शाद-विभूति फीचर्स
स्मरण शक्ति क्षीण होने के कारण
– अत्यधिक मानसिक तनाव या चिन्ता का होना।
– क्रोधी स्वभाव का होना, क्योंकि क्रोध विवेक और स्मृति का विनाश करता है।
– शारीरिक दुर्बलता या रोग ग्रस्त होना भी मस्तिष्क दुर्बलता के कारण है।
– उद्देश्यहीन होना भी दुर्बल स्मरण शक्ति का कारण होता है।
स्मरण शक्ति तीव्र करने के उपाय
– निरन्तर अभ्यास करने से स्मरण शक्ति का विकास होता है।
– उत्तम स्मृति के लिए मन का स्थिर और एकाग्र होना बहुत आवश्यक है।
– याद करने से भी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
– रुचिकर चीजों को याद करने से भी स्मरण शक्ति का विकास होता है।
– कहते हैं कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है, इसलिए अच्छी स्मृति संचालन में स्वस्थ शरीर भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
– नियमित व्यायाम और ध्यान भी अच्छी स्मृति निर्माण में सहायक होता है।
– एक कुशल और प्रखर स्मरण शक्ति को विकसित करने के लिए जीवन में संतोष और समन्वय का होना भी बहुत आवश्यक है।
– उत्तम स्मरणशक्ति के लिए एकाग्रता व रुचि का होना बहुत आवश्यक है।
– निरर्थक बातों का परित्याग भी स्मरण शक्ति को तीव्र करता है।
– स्मरण शक्ति विचारों के संग्रह व सहचर्य से भी तीव्र होती है।
– सगे संबंधियों व मिलने वालों के नाम याद रखना भी स्मरण शक्ति को बढ़ाताहै।
अन्य उपाय स्मरण शक्ति बढ़ाने के
– गाजर व लौकी का हलवा स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
– गुलकंद, आंवले का मुरब्बा भी मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करता है।
– अखरोट और बादाम का सेवन भी स्मरण शक्ति को तीव्र करता है।
– जामुन का सेवन भी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
डॉ. फौजिया नसीम ‘शाद-विभूति फीचर्स