Sunday, September 8, 2024

मेरठ में बाढ़ से कई गांवों का संपर्क टूटा, हालात से लोगों में दहशत

मेरठ। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। जिससे खादर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों का आपस में संपर्क कट गया है। लोग नाव के सहारे गांव से बाहर आ रहे हैं।
पिछले एक महीने से खादर क्षेत्र के एक दर्जन गांव से भी अधिक लोग बाढ़ के हालातों का सामना कर रहे हैं, जिसके चलते उनका जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। इस समय लोगों की जिंदगानी पूरी तरह बेपटरी होती नजर आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अब सबसे बड़ा संकट उनके लिए रोजी-रोटी का गहरा रहा है।

पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा नदी एक बार फिर उफान पर आ गई है, जिससे हस्तिनापुर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव फतेहपुर प्रेम, बड़ी चमरोध, दबखेड़ी, हसापुर, रठौरा कला, सिरजेपुर, हादीपुर, गांवड़ी आदि दर्जनों गांव का आपस में संपर्क कट गया है। इन गांवों के ग्रामीण आपस में संपर्क साधने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं।

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बिजनौर बैराज पर तैनात अवर अभियंता पीयूष कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर शाम पांच बजे 1.55 लाख क्यूसेक पर चल रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र के एक दर्जन से भी अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं। यहां लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त है।

सैकड़ों लोग बाढ़ का पानी कम होने के इंतजार में अभी गांव में ही रुके हुए हैं तो वहीं कितने ही परिवार सुरक्षित स्थानों पर रिश्तेदारियों में जा चुके हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीण अपने मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जद्दोजहद में लग गए हैं, क्योंकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है।

ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन के बावजूद अभी तक चारे की कोई व्यवस्था नहीं की है। जिस कारण उनके मवेशी भूखे मरने की कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं, अभी खादर क्षेत्र के हालात देखकर लग रहा है कि क्षेत्र के लोगों को अभी बाढ़ से राहत नहीं मिलेगी। क्योंकि गंगा का कच्चा तटबंध कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है, जहां से पानी निकलकर लगातार खादर क्षेत्र में पहुंच रहा है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नजर रखने के लिए वन विभाग की ओर से भी रेस्क्यू टीमें लगाई गई हैं। परीक्षितगढ़ और हस्तिनापुर क्षेत्र में टीमों को उन गांवों के आसपास लगाया गया है, जहां बाढ़ का पानी आने का खतरा है। बाढ़ का पानी वन्य क्षेत्र में आने के कारण वन्य जीवों का गांव की ओर आने का खतरा बना रहता है। इसे लेकर वन विभाग की ओर से मेरठ रेंज, रिठानी रेंज और सरधना रेंज की टीमों को भी हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ क्षेत्र में लगाया गया है।
डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि अभी तक घड़ियाल के दिखाई दिए जाने की सूचना हस्तिनापुर क्षेत्र में मिली थी, जिसके बाद टीम को भेजा गया था। हालांकि टीम को मौके पर कुछ नहीं मिला था।

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