नई दिल्ली। धनतेरस और दिवाली के मौके पर परंपरागत रूप से सोने और चांदी की खरीदारी करने वाले रिटेल कस्टमर्स को घरेलू सर्राफा बाजार में आई जोरदार तेजी ने मायूस कर दिया है। सोना और चांदी की कीमत में जिस गति से बढ़ोतरी हो रही है, उससे धीरे-धीरे ये चमकीली धातुएं छोटे ग्राहकों की पहुंच से दूर होती जा रही हैं। माना जा रहा है कि अगले 1 सप्ताह में यानी धनतेरस और दिवाली तक सोना 83 हजार से 84 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच सकता है। इसी तरह चांदी की कीमत भी 1,10,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक पहुंच सकती है।
देश के ज्यादातर सर्राफा बाजारों में सोना आज 80 हजार रुपये के स्तर को पार करके रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा हुआ है। इसी तरह चांदी की कीमत भी आज 1,04,000 रुपये के स्तर के पार पहुंची हुई है। सर्राफा बाजार में आई इस तेजी के लिए मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में हुई जोरदार बढ़ोतरी और घरेलू बाजार में फेस्टिवल सीजन और उसके बाद शुरू होने वाले वेडिंग सीजन की मांग को माना जा रहा है।
बुलियन मार्केट एक्सपोर्ट संतोष झावेरी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। कॉमेक्स पर सोना 2,764 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर को पार कर गया है। मिडिल ईस्ट में जारी तनाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों की वजह से सोने के भाव में और तेजी आने की संभावना है। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक सोने की कीमत 2,800 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर तक पहुंच सकती है। इसी तरह चांदी भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिलहाल 12 साल के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा हुआ है। 23 अक्टूबर को कॉमेक्स पर चांदी की कीमत 35.04 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर पर पहुंची हुई थी। अगले एक सप्ताह में चांदी की कीमत में भी 2 से 3 डॉलर प्रति ऑन्स तक तेजी आने की बात कही जा रही है।
झावेरी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में आने वाली तेजी का सीधा असर घरेलू सर्राफा बाजार में भी सोने और चांदी की कीमत पर पड़ेगा, क्योंकि घरेलू सर्राफा बाजार में कुल मांग का 80 प्रतिशत से अधिक अंतरराष्ट्रीय बाजार से आयात किया जाता है। इसलिए अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना-चांदी की कीमत में बढ़ोतरी होती है तो भारतीय सर्राफा बाजारों में भी इसकी कीमत में और तेजी आएगी। खासकर, धनतेरस और दिवाली के लिए होने वाली खरीद को देखते हुए इसकी कीमत में अधिक तेजी आने की उम्मीद है।
इसी तरह बुलियन मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन का कहना है कि अगले एक सप्ताह के दौरान गोल्ड कॉइन और बार तथा सिल्वर कॉइन और बार की मांग में तेजी आएगी। धनतेरस और दिवाली के लिए परंपरागत रूप से होने वाली खरीदारी में आमतौर पर कॉइन और बार की ही खरीदारी की जाती है। रिटेल कस्टमर गोल्ड कॉइन या सिल्वर कॉइन की खरीदारी करना ज्यादा पसंद करते हैं, वहीं बड़े निवेशक धनतेरस और दिवाली के मौके पर आमतौर पर गोल्ड या सिल्वर के बार खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। हालांकि इस बार सोने और चांदी की कीमत में जिस तरह की तेजी आई है, उससे रिटेल कस्टमर्स की खरीदारी पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका बनी हुई है।
मयंक मोहन का कहना है कि जुलाई में केंद्र सरकार द्वारा सोने की कस्टम ड्यूटी में कटौती करने के बाद सर्राफा बाजार में इस चमकीली धातु की कीमत में 7 प्रतिशत तक की बड़ी गिरावट आ गई थी। इस गिरावट के कारण रिटेल कस्टमर्स को राहत मिलने की उम्मीद बनी थी, लेकिन मिडिल ईस्ट में लगातार बढ़ रहे तनाव की वजह से कुछ दिन में ये राहत भी गायब हो गई। तनाव के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार सोने-चांदी की कीमत में जोरदार इजाफा हुआ है, जिससे इन चमकीली धातुओं की कीमत रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच चुकी है।
मयंक मोहन के अनुसार भारतीय सर्राफा बाजारों में फेस्टिवल सीजन और उसके बाद आने वाले वेडिंग सीजन की डिमांड की वजह से भी तेजी का रुख बना है। वहीं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा एक बार और ब्याज दरों में कटौती करने का संकेत दिए जाने की वजह से भी निवेशक सोना और चांदी में पैसा लगाने को लेकर उत्साहित हुए हैं। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर बनी अनिश्चितता की वजह से भी सोने और चांदी की कीमत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सपोर्ट मिला है। ऐसी स्थिति में भारतीय सर्राफा बाजारों में भी इन चमकीली धातुओं की कीमत में लगातार तेजी बनी रहने की संभावना है। कीमत में अगर ये तेजी लंबे समय तक बनी रही, तो छोटे कस्टमर्स द्वारा धनतेरस और दिवाली के मौके पर सोने और चांदी में किए जाने वाले पारंपरिक निवेश में स्वाभाविक रूप से बड़ी गिरावट आएगी।