नई दिल्ली। केरल में संदिग्ध हवाला लेनदेन को लेकर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन के पूर्व सदस्यों से जुड़े कई स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी चल रही है।
ईडी सूत्रों ने बताया कि पीएफआई के स्लीपर सेल राज्य में सक्रिय थे। केंद्रीय जांच एजेंसी संदिग्ध विदेशी हवाला धन लेनदेन की जांच कर रही है, जिसके माध्यम से पूर्व सदस्य कथित तौर पर देश भर में कट्टरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे।
सोमवार सुबह शुरू हुई छापेमारी एर्नाकुलम, वायनाड, त्रिशूर और मलप्पुरम जिलों में 12 स्थानों पर जारी है।
पीएफआई के पूर्व जिला पदाधिकारी लतीफ पोकाकिलमथी के घर पहुंची ईडी टीम के वीजुअल्स मिले हैं।
सूत्रों ने खुलासा किया कि प्रतिबंध के बाद भी संदिग्ध वित्तीय लेनदेन होते रहे।
जब ईडी ने आगे जांच की तो पता चला कि पैसा हवाला के जरिए पीएफआई नेताओं तक पहुंच रहा था।
ईडी के एक सूत्र ने कहा, “सभी लेनदेन केरल में रिपोर्ट किए गए थे। वे विदेश से आए थे और हवाला चैनलों के माध्यम से किए गए थे। इसका पता चलने पर, हमने पैसे के स्रोत का पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की।”
वायनाड के मननथावडी में, पूर्व पीएफआई नेता अब्दुल समद के परिसर की भी ईडी टीम ने तलाशी ली, जिनके बारे में बताया जाता है कि वे कर्नाटक में काम कर रहे हैं।
एर्नाकुलम के कुम्बलम में पीएफआई नेता जमाल के ठिकानों पर छापेमारी की गई।
मलप्पुरम के अरीकोड में एसडीपीआई नेता नूरुल अमीन के आवास पर तलाशी ली गई। इस स्थान पर छापेमारी पूरी हो चुकी है।
ईडी के कोच्चि कार्यालय के अधिकारियों की एक टीम तलाशी में सहायता कर रही थी।
मलप्पुरम के मंचेरी में ईडी के छापे में मंचेरी ईस्ट के पूर्व पीएफआई कार्यकर्ता अब्दुल जलील; नुरुल अमीन, एक निजी स्कूल में अरबी शिक्षक; और मलप्पुरम के निवासी हम्सा के घरों की तलाशी ली गई।
फिलहाल, ईडी ने इस मामले पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है।