Thursday, November 21, 2024

दिल्ली शराब घोटाले में संजय सिंह के करीबी भी संकट में फंसे, विवेक त्यागी को भी ईडी ने किया तलब

नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) के गिरफ्तार राज्यसभा सांसद संजय सिंह के करीबी सहयोगियों में से एक विवेक त्यागी शनिवार को कथित शराब घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए।त्यागी शनिवार सुबह 11 बजे ईडी के सामने पेश हुए और सीधे एजेंसी के मुख्यालय के अंदर चले गए।

एजेंसी मुख्यालय में प्रवेश करने से पहले मीडिया से बात करते हुए त्यागी ने कहा कि यह एक आधारहीन घोटाला है क्योंकि कोई अवैध लेनदेन नहीं हुआ, कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ और हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।

शुक्रवार को ईडी ने मामले के सिलसिले में सर्वेश मिश्रा से कई घंटों तक पूछताछ की.

अपने रिमांड नोट में, ईडी ने कहा कि सिंह को कथित दिल्ली शराब घोटाले में 2 करोड़ रुपये की अपराध आय प्राप्त हुई है और यह स्पष्ट है क्योंकि ईडी की जांच से पता चला है कि व्यवसायी दिनेश अरोड़ा ने आप के संचार प्रभारी विजय नायर के निर्देश पर अगस्त-अक्टूबर 2021 के दौरान समीर महंद्रू से 3 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।

ईडी ने आरोप लगाया, “चूंकि नायर पेरनोड रिकार्ड के थोक कारोबार को महंद्रू की इकाई को देने की सुविधा प्रदान कर रहा था। जांच से पता चला कि इस राशि में से 1 करोड़ रुपये नायर के निर्देश पर मिश्रा (संजय सिंह के व्यक्ति) को दिए गए थे।”

“यह राशि अरोड़ा के एक कर्मचारी द्वारा सिंह के घर पहुंचाई गई थी। इसके अलावा, अरोड़ा को नायर के निर्देश पर मार्च-अप्रैल 2022 में अभिषेक बोइनपल्ली से 4 करोड़ रुपये मिले थे।

“4 करोड़ रुपये में से, 2 करोड़ रुपये हरिंदर सिंह ने डिफेंस कॉलोनी में बोइनपल्ली के कार्यालय से एकत्र किए थे। इस राशि में से, 1 करोड़ रुपये नकद मिश्रा को दिए गए थे, जो आप आरएस सांसद के घर पर अरोड़ा के एक कर्मचारी द्वारा पहुंचाए गए थे।”

ईडी की जांच में यह भी पता चला कि उसने सिंह के घर पर दो मौकों पर 2 करोड़ रुपये नकद (हर बार 1 करोड़ रुपये) दिए थे। एजेंसी ने दावा किया कि उसने खुलासा किया है कि उसने ओखला में इंडो स्पिरिट्स के कार्यालय से 1 करोड़ रुपये की नकदी भी ली थी।

इसी बीच दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें उन्होंने ईडी मुख्यालय से तुगलक रोड पुलिस थाने शिफ्ट किए जाने का विरोध किया था। स्पेशल जज विकास ढल ने ईडी की इस दलील के बाद अर्जी का निस्तारण किया कि संजय सिंह को दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा। संजय सिंह ने अर्जी दाखिल कर कहा था कि उन्हें ईडी मुख्यालय में रख कर ही पूछताछ की जाए।

दरअसल, संजय सिंह को ईडी अपने मुख्यालय से तुगलक रोड पुलिस थाना शिफ्ट करना चाहती थी, क्योंकि ईडी मुख्यालय समेत लॉकअप में पेस्टिसाइड का छिड़काव किया जाना है। इसका संजय सिंह विरोध कर रहे हैं। संजय सिंह का कहना था कि कोर्ट ने 5 अक्टूबर को आदेश दिया था, इसके बावजूद उन्हें जबरन लॉकअप से निकाला गया और उन्हें तुगलक रोड थाने शिफ्ट किया जा रहा है। संजय सिंह ने मना कर दिया। ईडी ने संजय सिंह से अंडरटेकिंग दिए जाने को कहा, जिससे संजय सिंह ने इनकार कर दिया।

ईडी ने संजय सिंह की अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या संजय सिंह को शिफ्ट कर दिया गया है, तब ईडी ने कहा कि अभी शिफ्ट नहीं किया गया है। संजय सिंह के वकील ने कहा कि यह सिस्टम का मजाक है कि ईडी मुख्यालय में एक ही लॉकअप है। वहीं रखा जा सकता है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि हम संजय सिंह को कहीं और शिफ्ट नहीं कर रहे हैं। वहां पेस्टिसाइड का काम पूरा हो चुका है, अब हम संजय सिंह को कहीं और शिफ्ट नहीं कर रहे हैं। उसके बाद कोर्ट ने संजय सिंह की याचिका का निस्तारण कर दिया।

कोर्ट ने 5 अक्टूबर को संजय सिंह को 10 अक्टूबर तक ईडी हिरासत में भेजने आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि जब ईडी को लेनदेन की जानकारी काफी समय से थी तो अभी गिरफ्तार क्यों किया। कोर्ट ने कहा था कि जिन लेन-देन की बात ईडी कर रही है वह अगस्त और अक्टूबर 2021 का है। तब ईडी ने कहा कि इस मामले में बयान अभी दर्ज हुए हैं।

सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि दो करोड़ का लेनदेन दो किश्तों में किया गया। यह लेनदेन संजय सिंह के घर पर हुआ। इसकी पुष्टि दिनेश अरोड़ा ने की थी। ईडी की अर्जी में इंडोस्प्रिट से पैसों के लेनदेन का भी जिक्र हुआ है। जिसमें कहा गया है कि सर्वेश को संजय सिंह के घर पर पैसा दिया गया। जो कि संजय सिंह का कर्मचारी है। दिनेश अरोड़ा ने इसकी पुष्टि की है। संजय सिंह की ओर से कहा गया कि ईडी झूठ बोल रहा है। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या संजय सिंह के कर्मचारियों का बयान दर्ज किया है। कोर्ट ने पूछा को जब संजय सिंह के खिलाफ आपके पास पुख्ता सबूत थे फिर गिरफ्तारी में इतना समय क्यों लगा।

संजय सिंह के वकील मोहित माथुर ने विरोध करते हुए कहा था कि ये सिलसिला कभी नहीं रुकने वाला। ईडी का गवाह दिनेश अरोड़ा जो ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में आरोपित था और दोनों ही मामलों में गवाह बन गया है। उसकी विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। दिनेश अरोड़ा बार बार अपना बयान बदल रहा है। माथुर ने कहा जांच एजेंसी जिसको भी पकड़ना चाहती है उसको अरोड़ा के बयान पर ही पकड़ लेती है जबकि मेरे मामले में एजेंसी ने एक बार भी समन नहीं किया। एक ही दिन में सर्च और गिरफ्तारी दोनों हो गई।

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