नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने बिल्डर ललित टेकचंदानी से जुड़े मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुंबई और नवी मुंबई के 22 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। बिल्डर टेकचंदानी पर आरोप है कि उसकी कंपनी ने फ्लैट खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की और फंड में भी घालमेल किया।
सर्च ऑपरेशन के दौरान ईडी ने 30 करोड़ रुपए भी जब्त किए हैं, जिसमें बैंक की एफडी और कैश भी शामिल है।
सनद रहे कि ईडी ने यह कार्रवाई तलोजा और चेंबूर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की है। बीते दिनों पुलिस ने एफआईआर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की थी।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर बिल्डर ललित टेकचंदानी की स्वामित्व वाली कंपनी मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड ने फ्लैट खरीदारों से भारी-भरकम रकम जुटाई।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 1,700 फ्लैट खरीदारों से हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 400 करोड़ रुपए जुटाए।
खरीदारों से फंड जुटाने के बाद टेकचंदानी ने उस पैसों का इस्तेमाल अपने निजी और अपनी अचल संपत्ति बनाने में, जिसका पंजीकरण उसने अपने परिवार और संबंधियों के नाम पर करवाया, उपयोग के लिए किया।
बता दें कि ईडी ने सर्च के दौरान 27.5 लाख रुपए बरामद किए। इसके अलावा सर्च ऑपरेशन के दौरान कई डिजिटल दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। तलाशी के दौरान 29.73 करोड़ रुपये का भी पता चला और विभिन्न बैंकों में रखे गए एफडी खातों को फ्रीज कर दिया गया है।