लखनऊ। आखिरकार केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी की बात स्वीकारी है। रविवार, 16 जून को न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि नीट परीक्षाओं में कुछ गड़बड़ियां पाई गई हैं। प्रधान ने कहा, ‘दो जगहों पर कुछ गड़बड़ियां सामने आई हैं। मैं छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है।’
शिक्षा मंत्री ने एनटीए पर भी नराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एनटीए में भी अगर कोई दोषी होगा तो उसे भी नहीं छोड़ेंगे। मंत्री ने कहा कि एनटीए, जो नीट (एनईईटी) परीक्षा आयोजित करता है, में सुधार की आवश्यकता है।
प्रधान ने एएनआई से कहा, “सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों पर 1,563 उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा का आदेश दिया गया है। दो जगहों पर कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं। मैं छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है।”
उन्होंने कहा, “एनटीए के बड़े अधिकारी भी दोषी पाए गए तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। एनटीए में बहुत सुधार की आवश्यकता है। सरकार इस बारे में चिंतित है, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।” एनटीए ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नीट-यूजी परीक्षा में ‘ग्रेस मार्क्स’ पाने वाले 1,563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद कर दिए जाएंगे और उम्मीदवारों को 23 जून को फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा और परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे।
एनटीए ने जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ को बताया कि 1,563 से अधिक उम्मीदवारों के परिणामों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की गई है, जिन्हें नीट-यूजी में शामिल होने के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए “ग्रेस मार्क्स” दिए गए थे।
एनटीए ने कहा, “समिति ने 1563 नीट-यूजी 2024 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद करने का फैसला किया है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे और इन छात्रों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।” इसमें कहा गया, “परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी और परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे।”