ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण में ईआरपी सिस्टम लागू होने जा रहा है। प्राधिकरण कंपनी चयन करने के लिए शनिवार को आरएफपी निकालेगा। इस परियोजना पर करीब 60 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सिस्टम के लागू होने के बाद अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की जवाबदेही तय होगी और पारदर्शिता से काम हो सकेगा। यमुना अथॉरिटी में अब काम लगातार बढ़ता जा रहा है। चाहे आवासीय भूखंड हो या औद्योगिक भूखंड या फिर किसानों से जुड़े काम हो। सभी को पूरी पारदर्शिता से करने और जल्द निपटने के लिए ईआरपी लागू किया जायेगा। इसका कॉन्ट्रैक्ट 30 साल का होगा। यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया है कि ईआरपी सिस्टम लागू होने के बाद दस्तावेज को सीधे सिस्टम से अपलोड कर दिया जाएगा। फाइल खोने का डर नहीं रहेगा संपत्ति ट्रांसफर, नक्शा पास कराना, कंपलीशन सर्टिफिकेट लेना यह सब काम ऑनलाइन हो जाएंगे। इसके अलावा सिटीजन चार्टर के तहत भी काम किया जाएगा।
इससे पहले ईआरपी सिस्टम नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में लागू किया जा चुका है। इसकी आरपी सिस्टम सॉफ्टवेयर की खासियत होती है कि यह किसी कार्यालय की गतिविधियों को ऑनलाइन एक पोर्टल पर ले आता है यह डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाने का काम करता है।