Saturday, November 2, 2024

योगीराज में भी 27 साल का धरना बेमानी, बोले विजय सिंह- भ्रष्टाचार व ठाकुरवाद की भेंट चढ़ी योगी की जांच रिपोर्ट !

मुजफ्फरनगर। 4 हजार बीघा सार्वजनिक कृषि भूमि से अवैध कब्जा हटवाने की मांग को चल रहा मास्टर विजय सिंह का धरना आज 28 वे वर्ष में प्रवेश कर गया। कई स्तर की जांच के बावजूद भू माफिया पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

प्रदेश में करीब 6 साल के योगीराज में भी मास्टर विजय सिंह का आंदोलन बेमानी साबित हो रहा है। हद तो यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश से हुई जांच पर भी कार्यवाही  नहीं हुई। सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा में 8 अप्रैल 2019 को दिए गए ज्ञापन पर मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एसडीएम ऊन सुरेंद्र सिंह ने 20 अक्टूबर 2019 को मास्टर विजय सिंह के  भूमि घोटाले के आरोप  सही साबित करते हुए अपनी जांच रिपोर्ट शासन व उच्च अधिकारियों को दी थी।

जांच रिपोर्ट में पूर्व विधायक ठा जगत सिंह को भूमाफिया घोषित करने की संस्तुति की थी। मास्टर विजय सिंह कहते है कि योगी की जांच रिपोर्ट भी भ्रष्टाचार व ठाकुरवाद की भेंट चढ़ गई है। मास्टर विजय सिह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथसिंह को ज्ञापन दिए थे जिन पर जांच में कार्रवाई के आदेश दिये गये है। लेकिन हुआ आज तक कुछ भी नहीं।

26 फरवरी 1996 से धरनारत है विजय सिंह: मौजूदा जनपद शामली की तहसील ऊन के गांव चौसाना की करीब 4000 बीघा सार्वजनिक कृषि योग्य भूमि पर भूमाफिया का अवैध कब्जा है। चौसाना निवासी मास्टर विजय सिंह ने अवैध कब्जा हटवाने की मांग को लेकर 26 फरवरी 1996 से मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट में धरना प्रारंभ किया था। तब से आज तक मास्टर विजय सिंह का धरना अनवरत जारी है जो दुनिया का सबसे लंबा धरना बन चुका है।

मुलायम से लेकर सीएम योगी असहाय हुए साबित: करीब 700 करोड की सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों के विरुद्ध लगभग 3 दशक के दौरान भी कोई कार्यवाही  नहीं हो पाई।1996 में तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव से लेकर वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ के राज में भी भू माफिया का डंका बज रहा है। भू माफिया पर कार्यवाही   करने के मामले में  मुलायम सिंह, मायावती और योगी आदित्यनाथ भी असहाय ही साबित हुए। जिन्होंने विजय सिंह के आंदोलन को संज्ञान में लेकर गंभीरता से जांच तो कराई लेकिन कार्रवाई के मामले में शून्य ही रहे।

कमिश्नर से लेकर आईजी सीबीसीआईडी की जांच भी रद्दी: मास्टर विजय सिंह की शिकायत पर 1995 में तत्कालीन कमिश्नर मेरठ एचएल बिरदी ने मामला सही पाते हुए भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराने के आदेश जारी किए थे। 2008 में आईजी सीबीसीआईडी एसी शर्मा ने  भू माफिया पर कार्रवाई का आदेश देते हुए भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराने के निर्देश दिए थे। इसके साथ साथ एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार की जांच में भी अवैध कब्जा सामने आ चुका है। कब्जेदारों को भू माफिया घोषित करने की भी संस्तुति शासन से की गई। लेकिन व्यवहार में आज तक कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।

सत्ता के साथ सियासी चोला बदलता रहा भूमाफिया: कई दौर के सीएम के आदेशों पर उच्चाधिकारियों की जांच बेमायने साबित हुई और कार्रवाई जीरो रही। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण आरोपी भूमाफिया का सत्ता के साथ-साथ सियासी चोला बदलना रहा। मुलायम सरकार में भू माफिया सपा के साथ, जबकि योगी सरकार के दौरान भाजपा में घुसपैठ उसको कार्यवाही  से बचाती रही।

सार्वजनिक मंचो पर रही आंदोलन की धूम: मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट सहित शिव चौक पर 27 साल से चल रहे मास्टर विजय सिंह के धरने को विभिन्न सार्वजनिक मंच पर सराहा गया। यहां तक की गूगल ने अपने रिकॉर्ड में मास्टर विजय सिंह के आंदोलन को दुनिया के सबसे लंबे धरने के रूप में दर्ज किया। लिम्का बुक, एशिया बुक, इंडिया बुक आफ़ रिकॉर्डस सहित यूनिक रिकॉर्ड ऑफ़ दी ववर्ल्ड  और मीरा सेल्स आफ दी वल्र्ड रिकॉर्ड जैसी सर्वमान्य पुस्तकों में मास्टर विजय सिंह के धरने को सबसे लंबे धरने के के रूप में दर्ज किया गया। 33 वर्ष के युवा धरने पर बैठे थे अब 61 साल के बूढ़े हो चुके मास्टर विजय सिंह महात्मा गांधी व विनोबा भावे को आदर्श मानते हुए उनका अहिंसात्मक सत्याग्रह 27 साल से अनवरत जारी है।

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