पटना। मुख्यमंत्री ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में विकास कार्यों की क्या स्थिति थी सभी को पता है। वर्ष 2005 से पहले मछली उत्पादन बहुत कम था। दूसरे राज्यों से यहां मछलियां मंगाई जाती थी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा के साथ रहने की बात कहीं। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझसे दो बार गलती हो गई थी, लेकिन अब वह भाजपा के साथ ही रहेंगे। मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का उपयोग और प्रत्यक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान नीतीश कुमार ने कहा, ” हमने दो बार गलती की। पार्टी गठन के समय से ही हम लोग भाजपा के साथ थे, अब कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे, वो सब (आरजेडी) खूब गड़बड़ करता था।”
बता दें नीतीश कुमार ने बीते दिनों भी इसी तरह का बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अब वह एनडीए के साथ ही बने रहेंगे। नीतीश कुमार के बयान पर जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह कहते हैं कि नीतीश कुमार दो बार राजद के साथ गए, लेकिन दोनों बार का अनुभव नीतीश कुमार के लिए अच्छा नहीं रहा। यही वजह है कि नीतीश कुमार कहते हैं कि अब कभी राजद के साथ नहीं जाएंगे। कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने बिहार की पुरानी स्थिति का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर, 2005 को जब हमलोग सरकार में आए तो राज्य के विकास के लिए नीति और कार्यक्रम बनाए गए। कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन सहित सभी क्षेत्रों का विकास किया गया। लोगों की सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए गए। साथ ही महिलाओं की तरक्की के लिए कई कार्य किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2012 के लिए प्रथम कृषि रोड मैप बनाया गया। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के लिए दूसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति श्रद्धेय प्रणव मुखर्जी ने किया था। वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के लिए तीसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी ने किया था। वर्ष 2024 से चौथा कृषि रोड मैप लागू किया गया है जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप के लागू होने से सब्जी, दूध, अंडा, मीट, फल सहित अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ा है। चौथे कृषि रोड मैप के लिए एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में मछली का उत्पादन 2 लाख 88 हजार मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 8 लाख 73 हजार मीट्रिक टन हो गया है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। पहले दूसरे राज्य की मछलियां बिहार में मंगाई जाती थीं और अब बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार के विकास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मत्स्य पालन के विकास के लिए सहायता दी गई है। राज्य सरकार मत्स्य पालन के विकास के लिए भी कई कदम उठा रही है।
राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में विकास के लिए उठाए गए कदमों से मत्स्य पालकों को काफी लाभ हो रहा है। मत्स्य पालन के क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूं कि वे अपने कार्य से अपनी तरक्की के साथ-साथ राज्य की तरक्की में भी योगदान दे रहे हैं।कार्यक्रम को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी संबोधित किया।