मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के मंत्रिमंडल का विस्तार 15 दिसंबर को नागपुर में होगा। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। पहले खबर आई थी कि कैबिनेट विस्तार 14 दिसंबर को मुंबई में होगा। राज्य विधानमंडल का एक सप्ताह का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है। राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। महायुति में कैबिनेट विन्यास पर फॉर्मूला तय हो गया है।
इसके मुताबिक, भाजपा के 21, शिवसेना के 12 और एनसीपी के 10 मंत्री होंगे। तीनों सहयोगियों की सदस्य संख्या के आधार पर कैबिनेट फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया गया है। विधानसभा में भाजपा के पास 132, शिवसेना के पास 57 और एनसीपी के पास 41 विधायक हैं। तीनों दलों के सभी 40 मंत्रियों के रविवार को शपथ लेने की उम्मीद है। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, “बीजेपी को अब तक अपने मंत्रियों के नाम के लिए केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी नहीं मिली है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इसे मंजूरी दे देंगे और उसके बाद रविवार को नागपुर में कैबिनेट विस्तार होगा।
”राज्य भाजपा प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार शाम उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर 14 दिसंबर की बजाय 15 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह के लिए उनकी सहमति मांगी। इसके बाद बावनकुले ने शुक्रवार को एनसीपी प्रमुख उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की और शपथ ग्रहण समारोह 15 दिसंबर को करने के लिए उनकी सहमति ली। इससे पहले, बुधवार और गुरुवार को बावनकुले के साथ फडणवीस ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और पार्टी प्रमुख जे.पी. नड्डा के साथ बैठकें की थीं। बुधवार रात कैबिनेट विस्तार को लेकर फडणवीस और अजित पवार ने शाह से मुलाकात की, जबकि शिंदे अनुपस्थित रहे। भाजपा पहले ही शिवसेना की गृह, राजस्व और आवास विभाग देने की मांग खारिज कर चुकी है।
भाजपा गृह और राजस्व अपने पास रखेगी जबकि आवास विभाग अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को देगी। जुलाई 2023 में अजित पवार के महायुति सरकार में शामिल होने के बाद भाजपा ने एनसीपी को आवास विभाग देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए अब भाजपा अपना वादा पूरा करेगी। साल 1991 के बाद यह दूसरी बार होगा जब कैबिनेट विस्तार महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में होगा। मंडल आयोग की रिपोर्ट के मुद्दे पर तत्कालीन शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने और कांग्रेस में शामिल होने के बाद 1991 में छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री सुधाकरराव नाइक की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में मंत्री के रूप में नागपुर में शपथ ली थी।