नई दिल्ली। प्रख्यात संवैधानिक न्यायविद् और वरिष्ठ अधिवक्ता फाली एस. नरीमन का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे।
नरीमन ने प्रसिद्ध राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) फैसले सहित कई ऐतिहासिक मामलों पर बहस की। वह महत्वपूर्ण एससी एओआर एसोसिएशन मामले (जिसके कारण कॉलेजियम प्रणाली का जन्म हुआ), टीएमए पाई मामला (अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक अधिकारों के दायरे पर) और कई अन्य मामलों में पेश हुए। मई 1972 में उन्हें भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया।
नरीमन को जनवरी 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। अनुभवी वकील को नवंबर 1950 में बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने 70 से अधिक वर्षों तक प्रैक्टिस की। बॉम्बे हाई कोर्ट से शुरुआत की और बाद में सुप्रीम कोर्ट में चले गए।
फली नरीमन के निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि नरीमन सबसे उत्कृष्ट कानूनी विद्धान और बुद्धिजीवियों में से एक थे। उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों के लिए न्याय को सुलभ बनाने के लिए समर्पित कर दिया। उनके निधन से मुझे दुख हुआ है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।