Monday, December 23, 2024

किसान नाजुक दौर से गुजर रहा, इसलिए एकता जरूरी: नरेश टिकैत

मुजफ्फरनगर। भाकियू के मुख्यालय सिसौली में होने वाली किसान पंचायत इस बार फुगाना में आयोजित की गई। इस पंचायत में यूपी और हरियाणा के किसान जुटे और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। पंचायत को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गन्ने का पेराई सत्र शुरू हो चुका है और शामली मिल की समस्या जस की तस है। किसान आंदोलन की राह पर हैं। मिल चलने और गन्ना भुगतान होते रहने से ही समस्या का हल निकलेगा। इसके लिए उन्होंने पीडि़त किसानों से कमेटी बनाकर मिल और जिला प्रशासन के साथ मिल बैठकर हल निकालने पर जोर दिया।उन्होंने कार्यकर्ताओं को ग्राम स्तर पर समिति बनाकर सदस्यता अभियान के साथ विकास के कामों की निगरानी करने के भी निर्देश दिए। साथ ही कहा कि आंदोलन मजबूत होगा तभी सरकारें किसानों की बात सुनेंगी।

पंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को मजबूत करने के लिए ग्राम व पंचायत स्तर पर छोटी इकाइयों का गठन करना होगा। ट्रैक्टर प्रमुख बनाकर उनका ब्योरा मुख्यालय को दें ताकि भविष्य में बड़ा ट्रैक्टर आंदोलन किया जा सके।

उन्होंने जिलास्तर पर भाकियू के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ मिलकर आंदोलन करने या प्रशासन अधिकारियों को ज्ञापन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी समस्याओं पर आंदोलन करने से भी कार्यकर्ता बचें बल्कि अपने इलाके की समस्याओं को लिखित रूप में प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराएं। ऐसा करने से जिलास्तर पर किसानों की समस्याओं का ब्योरा रहेगा और अफसर व सरकार से जवाबतलबी करने में आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि आज किसानों की समस्याएं अधिक हैं और हल करने वालों की नीयत ठीक नहीं लगती। वरना गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के बाद भी प्रदेश सरकार ने गन्ने का एमएसपी अभी तक नहीं बढ़ाया है। करोड़ों का बकाया मिलों पर है और सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती नजर नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य ही है कि पड़ौसी  राज्य हरियाणा में गन्ना ढ़ुलाई के नाम पर 2० रुपये प्रति कुंतल किसानों से कटौती होती है जबकि यूपी में मात्र 8 से सवा 8 रुपये। इसके लिए उन्होंने हरियाणा इकाई के अध्यक्ष् रतनमान से मिलों के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही।

राकेश टिकैत ने ग्रामीण इलाकों में हो रहे दोयम दर्जे के विकास कार्यों पर भी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ठेकेदार, अफसर और नेताओं के गठजोड़ ने विकास कार्यों को अवरुद्ध कर दिया है। जो हो भी रहे हैं वहां मोटा कमिशन लेकर घटिया स्तर का काम हो रहा है। उन्होंने इसके लिए भाकियू की स्थानीय इकाइयों को निर्देश दिए कि वे ऐसे कार्यों पर नजर रखें और उच्चाधिकारियों को अवगत कराएं।

इस मौके पर भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान नाजुक दौर से गुजर रहा है। उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। सरकारों ने भी मुंह फेर रखा है। हालात तभी सुधरेंगे जब आपसी मतभेद भूलकर सभी जाति-धर्मों के किसान एकजुट होंगे। उन्होंने पंचायत में आए किसानों का आभार जताया और कहा कि अगली पंचायत ऊन में आयोजित की जाएगी ताकि वहां पर हरियाणा के किसानों की भी अधिक भागेदारी हो सके।

इस पंचायत को हरियाणा के अध्यक्ष रतनमान सिंह, बतीसा खाप चौधरी शोकेंद्र सिंह, थांबेदार श्याम सिंह बहावड़ी, ओमपाल मलिक, मुजफ्फरनगर जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा, मंडल अध्यक्ष नवीन राठी, शामली से पश्चिम यूपी महासचिव कपिल खाटियान और कालेंद्र मलिक आदि ने संबोधित किया।

 

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