शामली। जनपद में एक बार फिर खनन माफियाओं की दबंगई का मामला सामने आई है। जहां खनन माफिया की हठधार्मिता के चलते यमुना नदी किनारे सैकड़ो किसानो के खेतों में कटाव होने के कारण किसने की फैसले बर्बाद हो रही है। किसानों का आरोप है कि खनन माफियाओं ने यमुना नदी की धारा से छेड़छाड़ करते हुए बांदा लगाकर पानी का रुक उनके खेतों की तरफ कर दिया है। जिससे परेशान होकर दर्जनों किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर डीएम खनन माफिया पर नकेल कसने की मांग की है।
आपको बता दें कि झिंझाना क्षेत्र के गांव बिडोली में एक रेत खनन का 5 वर्षीय सरकारी पट्टा चल रहा है। लेकिन अब खनन माफिया पट्टे की आड़ में अवैध तरीके से खनन करने लगे हैं। जिसके चलते यमुना नदी किनारे खेती किसानी करने वाले किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। जहां गुरुवार को गांव बिडोली निवासी दर्जनों किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उनके गांव में खनन माफिया दबंगई पर उतर आए हैं और पट्टे की आड़ में अवैध खनन कर सरकार व राजस्व को भी बड़ी हानि पहुंचा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि खनन ठेकेदारों द्वारा अब दबंगई पर उतर आए हैं। और उनके खेतों के बराबर में भी अवैध खनन करने लगे हैं। साथ ही खनन माफियाओं ने हरियाणा की ओर से यमुना नदी में बांदा बंद लगाकर पानी का रुख उनके खेतों की ओर कर दिया है। जिसके चलते किसानों के खेतों में भारी कटाव हो रहा है। और किसानों की फैसले बर्बाद हो रही है।
किसानों का आरोप है कि जब किसान खनन माफियाओं की मनमानी का विरोध करते हैं तो खनन माफिया उनके साथ दबंगई करते हैं। और कहते हैं कि हम ऐसे ही यमुना ही नहीं तुम्हारे खेतों में भी रेत खनन करेंगे। कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, जिसके संबंध में पूर्व में भी किसानों ने शिकायत की थी। लेकिन कार्रवाई न होने के कारण खनन ठेकेदारों के हौसले बुलंदी पर है और वे गरीब किसानों को परेशान कर रहे हैं। अगर जल्दी खनन माफियाओं पर लगाम ना लगाई गई तो वह दिन दूर नहीं पीड़ित किसानों को भुखमरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जिसके जिम्मेदारी पूर्ण रूप से जिला प्रशासन और सरकार की होगी। पीड़ित किसानों ने डीएम से अवैध रेत खनन के पट्टे को निरस्त कर किसानों को इस समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग की है।