इस समय प्रदेश में गन्ना समिति के चुनाव चल रहे हैं। भाजपा की मंशा अधिक से अधिक गन्ना समितियों पर काबिज होने की है। मोहिउद्दीनपुर गन्ना समिति के चुनाव में 143 डेलीगेट्स के पद है। इन पदों पर 255 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। शुक्रवार को नामांकन पत्र की जांच के बाद 102 उम्मीदवारों के कागजों में कमी बताकर पर्चे निरस्त कर दिए गए। इससे किसान भड़क उठे और उन्होंने भारतीय किसान यूनियन टिकैत के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर परतापुर थाने में धरना शुरू कर दिया।
भाकियू कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के राज्य मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर के दबाव में नामांकन निरस्त करने का आरोप लगाया। गन्ना समिति के भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में समर्थकों हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी रात में ही थाने पर पहुंच गए और किसानों को धरना समाप्त करने के लिए मनाने लगे। भाकियू नेताओं ने कहा कि सभी नामांकन पत्रों की बहाली कराई जाए। फर्जी तरीके से नामांकन पत्र निरस्त करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एडीएम प्रशासन बलराम सिंह, एसडीएम सदर कंडारकर कमल किशोर देशमुख आदि अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को मनाने का प्रयास किया। शनिवार को किसानों ने थाने में कढ़ाही चढ़ा दी और पकोड़े तलकर खाए। इसके साथ ही चाय भी बनाकर की। किसानों ने सत्ताधारी दल के दबाव में किसानों के नामांकन पत्र निरस्त करने के आरोप लगाए।
भाकियू नेता विजयपाल घोपला ने कहा कि सत्ताधारी दल ने पूरे चुनाव पर अपना कब्जा कर लिया है। किसानों के पर्चे भी निरस्त कराकर पूरा चुनाव निर्विरोध कराने की तैयारी कर ली है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। पर्चो को बहाल नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन होगा। शनिवार को भाकियू नेता राकेश टिकैत भी धरने में शामिल हो सकते हैं।