गया। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि फारूक और उमर अब्दुल्ला पाकिस्तान परस्ती की बातें करते हैं। लेकिन, कांग्रेस ने उनके साथ गठबंधन किया है। गया में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, “फारूक और उमर अब्दुल्ला धारा 370 को वापस लाने का समर्थन करते हैं और पाकिस्तान के समर्थन में बयान देते हैं। वे एससी-एसटी आरक्षण का विरोध करते हैं। लेकिन, इसके बावजूद कांग्रेस ने उनके साथ अलायंस किया है। जाहिर है कि कांग्रेस का अलायंस उन्हीं मुद्दों पर हुआ होगा।
हम लोग इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। इसलिए मैंने एक्स पर एक पोस्ट किया था और कहा था कि कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस, पाकिस्तान और हिजबुल के साथ भी हाथ मिला सकती है।” उन्होंने झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन का जिक्र करते हुए कहा, “वह झारखंड के तौर पर बहुत अच्छा काम कर रहे थे। लेकिन, त्यागपत्र देने से पहले उनसे बात की जाती और उन्हें फिर इस्तीफा देने के लिए कहा जाता। मगर ऐसा नहीं किया गया और उन्हें अपमानित करने का काम हुआ।”
मांझी ने कहा, “चंपई सोरेन ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनके पास तीन विकल्प हैं। इनमें से एक विकल्प उन्होंने चुना है, जिस तरीके से उन्हें अपमानित किया गया। इसके बाद उन्होंने सही फैसला लिया है।” जीतन राम मांझी ने किसानों के लिए उठाए गए कदमों को लेकर मोदी सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने किसानों के लिए जितना किया है। शायद ही कोई उतना काम कर पाता। कांग्रेस ने अपने राज में किसानों के लिए अब तक क्या किया है। मल्लिकार्जुन खरगे को पहले इसका जवाब देना चाहिए। खरगे साहब वही बोलते हैं, जो कांग्रेस कहती है।”