जम्मू- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर तंज कसते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव पहला चुनाव होगा जिसमें केवल एक झंडा, एक संविधान और एक प्रधानमंत्री होगा।
चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने के लिए जम्मू की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण में कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा, “राहुल बाबा और उमर अब्दुल्ला मेरे 05 अगस्त, 2019 के भाषण से अनजान हैं, जिसमें मैंने स्पष्ट किया था कि चुनाव के बाद उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जायेगा।” उन्होंने सवालिया लहजे में कहा “वे (राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला) राज्य का दर्जा कैसे वापस ला सकते हैं। क्या वे स्पष्ट कर सकते हैं? यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार है जो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दे सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, यह जम्मू-कश्मीर में पहला चुनाव होगा जब केवल एक झंडा, एक संविधान और एक प्रधानमंत्री होगा। कन्याकुमारी से कश्मीर तक, केवल एक ही प्रधानमंत्री है और वह नरेन्द्र मोदी हैं।” उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत की है, लेकिन जब तक जम्मू-कश्मीर में स्थायी रूप से शांति बहाल नहीं हो जाती, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से अब्दुल्ला, मुफ्ती और गांधी परिवार के साथ-साथ चार अन्य परिवारों के खिलाफ वोट करने को कहा, ताकि आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के दौर की फिर से शुरुआत न हो सके। उन्होंने जोर दिया कि नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन जम्मू-कश्मीर में कभी सरकार नहीं बना सकते। उन्होंने गुज्जर-बकरवाल और दलित आरक्षण पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को चुनौती देते हुए कहा कि कोई भी शक्ति इस आरक्षण को छू नहीं सकती। जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार के गठन में जम्मू के लोग प्रमुख हितधारक होंगे।