नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पिछले एक दशक में देश के प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह भारत को महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्र में चीन से आगे निकलते और साथ ही मुक्त विश्व के “वास्तविक नेताओं” में से एक के रूप में भी देखना चाहेंगे। रायसीना डायलॉग 2025 में भाग लेने के लिए भारत आए एबॉट ने भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी सहित विभिन्न मुद्दों पर न्यूज एजेंसी आईएएनएस से विशेष बातचीत की। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यहां मेरी मौजूदगी ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संबंधों को लगातार मजबूत बनाने में योगदान देगी। वे हमेशा अच्छे रहे हैं, लेकिन अतीत में शायद अविकसित रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों और दशकों में वे बहुत मजबूती से विकसित होंगे।” प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रगति के बारे में बोलते हुए, एबॉट ने भविष्य में नई दिल्ली द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर अपनी उम्मीदें भी बताईं। उन्होंने कहा, “मेरी दो उम्मीदें हैं।
पहली यह कि भारत लोकतंत्र की महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखलाओं में चीन की जगह ले सकता है। और, दूसरी यह कि समय के साथ, भारत स्वतंत्र दुनिया के वास्तविक नेताओं में से एक बन सकता है, क्योंकि एक ऐसे देश के रूप में जिसने लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है, मुझे लगता है कि भारत अपने साथी लोकतंत्रों के साथ उन तानाशाही के खिलाफ खड़ा हो सकता है और उसे ऐसा करना चाहिए, जो वर्तमान में हर जगह स्वतंत्रता को चुनौती दे रहे हैं।” एबॉट ने रायसीना डायलॉग की भी प्रशंसा की और इसे कुछ “वास्तविक वैश्विक” मंचों में से एक बताया, जहां विचारों की बहुत विविधता है और वास्तविक बहस का अवसर है। बता दें कि रायसीना डायलॉग का आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) मिलकर करते हैं। इसका आयोजन सिंगापुर में होने वाले शांगरी-ला डायलॉग की तर्ज पर आयोजित किया जाता है। शांगरी-ला डायलॉग में रक्षा मंत्री शामिल होते हैं, जबकि रायसीना में विदेश मंत्रियों की बैठक होती है।