संभल। संभल में नाम बदलकर भी नेजा मेले को आयोजित करने की अनुमति नहीं मिलेगी। एसडीएम वंदना मिश्रा ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की। एएसपी श्रीश चंद्र के बयान के बाद अब एसडीएम वंदना मिश्रा ने भी नेजा मेले का नाम बदलकर इसके आयोजन की परमिशन नहीं देने की बात कही। एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि अब संभल में तीन जगहों पर नेजा मेले के आयोजन को परमिशन नहीं मिलेगी। मंगलवार को कुछ लोग नेजा मेले की परमिशन के लिए आए थे।
लेकिन इस आयोजन के लिए अनुमति नहीं दी गई। एसडीएम वंदना मिश्रा ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि “कुछ लोग नेजा मेले की परमिशन चाहते थे। क्योंकि नेजा मेला पिछले दो वर्ष नहीं लग रहा है, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की परमिशन नहीं दी जा सकती। संभल तहसील क्षेत्र में कुल तीन जगहों पर नेजा मेला लगता रहा है, जो पिछले दो वर्ष से प्रभाव में नहीं है।” नेजा मेले का नाम बदलकर मेले का आयोजन करने वालों एसडीएम ने बताया, “2023 में सद्भावना मेले के नाम से मेले लगाए गए थे लेकिन इस बार किसी भी प्रकार से परमिशन नहीं दी जाएगी।” बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में नेजा मेला को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
मंगलवार को जब मेले के आयोजन के लिए ढाल गाड़े जाने की तैयारी थी, पुलिस ने उस स्थान को सीमेंट से ढक दिया और पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। हालांकि अभी संभल में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है ताकि शांति बनाए रखी जा सके। प्रशासन की ओर से इस आयोजन को रोकने की पुष्टि की गई है, जिसके बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसका विरोध भी उठने लगा है। स्थानीय प्रशासन ने ऐतिहासिक और धार्मिक कारणों से इस मेले की अनुमति न देने का निर्णय लिया है, जिसे लेकर विभिन्न समुदायों के बीच प्रतिक्रिया भी सामने आ रही हैं। इसके अलावा संभल में शाही जामा मस्जिद ( विवादित ढांचे ) के पास बन रही सड़क को लेकर एसडीएम वंदना ने बताया कि यह नगर क्षेत्र का मामला है जिसमें एक प्रार्थना पत्र सड़क के निर्माण के लिए आया था। उसके बाद विवादित ढांचे के पास सड़क का निर्माण कराया जा रहा है।