Sunday, May 19, 2024

मुज़फ्फरनगर की पूर्व चेयरमैन अंजू अग्रवाल की मुसीबत और बढ़ी, अंजू समेत 5 पालिका कर्मियों से होगी धन की वसूली !

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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद की पूर्व अध्यक्ष व पूर्व ईओ समेत पांच के खिलाफ लोकायुक्त ने वित्तीय अनियमितता के आरोप साबित होने पर कार्रवाई की संस्तुति की है। शासन ने डीएम से वित्तीय क्षति के अंतर्गत वसूली का प्रस्ताव मांगा है, जिससे कार्यवाही के आदेश का पालन हो सके।
लोकआयुक्त के आदेश से नगर पालिका परिषद में हड़कंप मचा हुआ है। इन पांच लोगों में एक रिटायर्ड अधिकारी व एक अधिकारी जिनका स्थानांतरण हो चुका है, भी शामिल है। वहीं पूर्व पालिकाध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
नगरपालिका परिषद् में पूर्व अध्यक्ष अंजू अग्रवाल के कार्यकाल के समय की गई शिकायतों पर कार्यवाही का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस प्रकरण में हाल ही में प्रदेश शासन द्वारा जिला प्रशासन से आर्थिक क्षति के मामले में अंजू अग्रवाल के दिए गये जवाब का प्रति परीक्षण करते हुए जांच आख्या मांगी गई है, जिस पर यहां जांच की जा रही है।
इसी बीच लोकायुक्त से आई एक चिट्ठी ने हलचल मचा दी है। दरअसल, दिनेश कुमार शुक्ला एडवोकेट पुत्र बीएस शुक्ला द्वारा लोकायुक्त में पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान कथित रूप से वित्तीय अनियमितताओं के साथ ही अन्य प्रकरणों में शिकायत करते हुए परिवाद दायर किया गया था। इस मामले में लोक आयुक्त के द्वारा जांच कमेटी का गठन कराते हुए रिपोर्ट मांगी गई थी। बताया गया कि जांच में आरोप साबित हुए तो लोकायुक्त ने प्रकरण का निपटारा करते हुए दंडात्मक कार्यवाही की संस्तुति करते हुए आर्थिक क्षति का आंकलन कराते हुए राजस्व की भांति वसूली कराये जाने के आदेश शासन को भेजे हैं।
बताया गया कि लोक आयुक्त के सचिव अनिल कुमार सिंह की ओर से अक्टूबर में परिवाद का निपटारा होने पर लोक आयुक्त के द्वारा जारी किये गये आदेश के लिए मुख्य सचिव को तीन माह में अनुपालन कराने के लिए पत्र भेजा गया था। इसके बाद अब शासन के विशेष सचिव सत्य प्रकाश पटेल द्वारा जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी को लोकायुक्त के आदेश का अनुपालन कराते हुए दंडात्मक कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें लोकायुक्त ने आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ पदीय दायित्वों के कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति लापरवाही, कुप्रशासन, कदाचार, शासकीय धनराशि की क्षति के साथ ही अन्य अनियमितताओं के परिप्रेक्ष्य में पूर्व पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल, निवर्तमान अधिशासी अधिकारी विकास सैन और तत्कालीन नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरएस राठी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की संस्तुति की है।
इसके अलावा आरोपी लिपिक प्रवीण कुमार और मार्गप्रकाश विभाग के लिपिक गोपीचंद वर्मा के खिलाफ पदीय दायित्वों व कर्तव्यों के निर्वहन में बरती गई लापरवाही का दोष साबित होने पर दंडात्मक कार्यवाही के आदेश दिये हैं। इस प्रकरण में विशेष सचिव सत्य प्रकाश पटेल ने जिलाधिकारी को आदेश दिये हैं कि वो सभी पांचों आरोपियों द्वारा शासकीय धनराशि का दुरूपयोग व अपव्यय का आंकलन कर समानुपातिक वसूली का प्रस्ताव एक सप्ताह के भीतर शासन को उपलब्ध कराया जाये।

सूत्रों के अनुसार लोकायुक्त को शिकायत करने वाले दिनेश शुक्ला ने पालिका में लिपिको की अवैध नियुक्ति, मार्ग प्रकाश विभाग में 10 हजार स्ट्रीट लाइटों की खरीद में घपला, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. रविन्द्र सिंह राठी द्वारा एक ही व्यक्ति के दो जन्म प्रमाण पत्र बनाये जाने, पालिका की भूमि पर अवैध कब्जा कराने, गलत ढंग से वित्तीय अधिकार दिये जाने सहित अन्य आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इस मामले में एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह का कहना है कि लोकायुक्त द्वारा तत्कालीन पालिकाध्यक्ष सहित कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की है। इसके लिए रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है।

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