मेरठ। मेडिकल इमरजेंसी में मरीजों की खरीद-फरोख्त मामले में नवजात के पिता पर समझौते का दबाव बनाने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मेडिकल थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वह निजी अस्पतालों में कमीशन पर मरीजों को भेजते थे। अभी तक जिन अस्पतालों के नाम सामने आए हैं, उसमें कई बड़े अस्पताल शामिल हैं। अब पुलिस इन सभी अस्पतालों का रिकॉर्ड चेक करेगी। कब-कब और कितने मरीज मेडिकल से यहां पर भेजे गए। अगर रिकार्ड में खरीद-फरोख्त का मामला मिलता है तो स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से इन पर विभागीय कार्रवाई भी कराई जाएगी।
बुलंदशहर के कमालपुर गांव का रहने वाला जितेंद्र 13 दिन के नवजात को लेकर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में आया था। वहां पर आरोपी देवेंद्र कुमार, मारूफ, विक्की राणा और छोटू ने उन्हें यह कहा कि मेडिकल में अच्छा उपचार नहीं है। इसलिए पीवीएस रोड स्थित सनफोर्ड अस्पताल में चले जाओ। इस बीच नवजात की मौत हो गई थी। जितेंद्र की तरफ से मेडिकल थाने में मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में पकड़े गए आरोपी देवेंद्र और मारूफ को थाने से ही जमानत मिल गई थी।
आरोप है कि इसके बाद चारों आरोपियों ने जितेंद्र को तेजगढ़ी चौकी के पास पकड़कर दो लाख रुपये में समझौता करने का दबाव बनाया था। मना करने पर उसके साथ मारपीट की थी। एसएसपी तक मामला पहुंचने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दूसरा केस भी दर्ज कर लिया था। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।